PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों, पानी समितियों के साथ शनिवार को करेंगे बातचीत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी। पीएमओ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने और मिशन के तहत योजनाओं में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए जल जीवन मिशन ऐप की भी शुरुआत करेंगे।
बयान के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी दो अक्टूबर को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जल जीवन मिशन पर ग्राम पंचायतों और पानी समितियों/ग्राम जल और स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) से बातचीत करेंगे। वह राष्ट्रीय जल जीवन कोष का भी शुभारंभ करेंगे, जहां कोई भी व्यक्ति, संस्था, कॉर्पोरेट या परोपकारी, चाहे वह भारत में हो या विदेश में, हर ग्रामीण घर, स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आश्रमशाला और अन्य सरकारी संस्थानों में नल का पानी कनेक्शन प्रदान करने में मदद करने के लिए योगदान दे सकता है।
पीएमओ ने कहा कि कल जल जीवन मिशन पर राष्ट्रव्यापी ग्राम सभाएं भी होंगी। इसने बताया कि ग्राम सभा ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना और प्रबंधन पर चर्चा करेगी और दीर्घकालिक जल सुरक्षा की दिशा में भी काम करेगी। ‘पानी समितियां’ गांव की जलापूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे हर घर को नियमित और दीर्घकालिक आधार पर नल का स्वच्छ पानी उपलब्ध होता है। छह लाख से अधिक गांवों में से लगभग 3.5 लाख गांवों में पानी समितियां/वीडब्ल्यूएससी का गठन किया गया है। क्षेत्र जांच किट का उपयोग करके 7.1 लाख से अधिक महिलाओं को पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को हर घर को स्वच्छ नल जल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की थी और मिशन के आरंभ के समय, केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति थी। अब तक, 7.72 लाख (76 प्रतिशत) स्कूलों और 7.48 लाख (67.5 प्रतिशत) आंगनवाड़ी केंद्रों में नल जल की आपूर्ति की गई है। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, पंचायती राज संस्थानों को 15वें वित्त आयोग के तहत गांवों में पानी और स्वच्छता के लिए 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए बंधित अनुदान के रूप में 1.42 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।