
America Return Indian Antiquities
America Return Indian Antiquities: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं और वहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात कर ली है। आपको बता दें कि मुलाकात से भारत के लिए अच्छी खबर सामने आई है।
अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को ध्यान में रखते हुए भारत के 297 एंटीक्स (पुरावशेष) या एंटीक्विटीज को लौटाने का इंतजाम कर लिया है। जानकारी मिली है कि ये एंटीक्स भारत से चोरी या तस्करी किए गए थे। अब अमेरिका इन 297 पुरावशेषों की वापसी के वादे के तहत भारत की इन सांस्कृतिक संपत्ति को जल्द ही भारत भेज देगी।
2021 और 2023 में अमेरिका लौटा चुका है एंटिक्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्राएं भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती हैं, खासकर सांस्कृतिक धरोहरों की वापसी के संदर्भ में। 2021 में जब पीएम मोदी अमेरिका गए थे, तब अमेरिकी सरकार ने भारत को 157 ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाई थीं। इन वस्तुओं में 12वीं शताब्दी की कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी, जो भारत के सांस्कृतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
2021 की यात्रा के बाद, 2023 में भी पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 105 पुरावशेष भारत को वापस किए गए। अब, 2024 में अमेरिका ने फिर से 297 भारतीय पुरावशेषों को लौटाने का वादा किया है, जो भारत-अमेरिका के गहरे सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
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2014 में बाद देश में लौटी 640 एंटिक्स
आपको बता दें कि 2014 से अब तक भारत कुल 640 प्राचीन वस्तुएं वापस लाया है। इनमें से 578 अकेले अमेरिका ने लौटाई हैं। पीएम मोदी की वर्तमान और पिछली अमेरिका यात्राओं ने भारत को पुरातात्विक अवशेषों की वापसी में विशेष सफलता दिलाई है।
ये प्राचीन वस्तुएं भारत की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिन्हें चोरी या तस्करी के माध्यम से विदेश भेजा गया था, और अब इन्हें भारत वापस लाया जा रहा है।
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4000 साल पुराने हैं एंटिक्स
ये 4000 साल पुराने पुरावशेष 2000 ईसा पूर्व से लेकर 19वीं सदी तक के हैं। इन प्राचीन वस्तुओं में पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां प्रमुख हैं, साथ ही पत्थर, धातु, लकड़ी, और हाथी दांत से बनी कलाकृतियां भी शामिल हैं। ये वस्तुएं भारत के विभिन्न हिस्सों से चोरी या तस्करी के माध्यम से विदेश भेजी गई थीं।
भारत-अमेरिका के बीच समझौता (America Return Indian Antiquities)
भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा को लेकर जुलाई 2024 में एक अहम समझौता हुआ था। इस समझौते का उद्देश्य भारत से अमेरिका में पुरावशेषों की अवैध तस्करी को रोकना है। यह समझौता दिल्ली में 46वीं विश्व धरोहर समिति के मौके पर हस्ताक्षरित हुआ।
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पिछले 10 सालों में तस्करी पर रोक के साथ-साथ भारत को ऐतिहासिक वस्तुओं की वापसी में भी सफलता मिली है। दोनों देशों के बीच यह सहयोग भारतीय सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम है।
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भारत को वापस दिए जा रहे प्राचीन कलाकृतियों में ये सभी शामिल हैं।
- 10-11वीं शताब्दी की मध्य भारत की बलुआ पत्थर की अप्सरा मूर्ति
- 15-16वीं सदी के मध्य भारत के ब्रॉन्ज से बने जैन तीर्थंकर
- 3-4वीं शताब्दी के पूर्वी भारत के टेराकोटा फूलदान
- 1ली शताब्दी ईसा पूर्व से जुड़ी दक्षिण भारत की पत्थर की मूर्ति
- 17-18वीं सदी के दक्षिण भारत के कांस्य में भगवान गणेश
- 15-16वीं सदी के उत्तर भारत के बलुआ पत्थर से बनी भगवान बुद्ध की मूर्ति
- 17-18वीं सदी के पूर्वी भारत से कांस्य में भगवान विष्णु
- 1800-2000 ईसा पूर्व की उत्तर भारत की तांबे की मानवरूपी आकृति
- 17-18वीं सदी के दक्षिण भारत के कांसे से बने भगवान कृष्ण
- 13-14वीं शताब्दी के दक्षिण भारत के ग्रेनाइट से बने भगवान कार्तिकेय
इन कलाकृतियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप ऑनलाइन जानकारी ले सकते हैं।
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