दिल्ली। पीएम मोदी ने आज महिलाओं को सरप्राइज गिफ्ट दिया है। संसद के विशेष सत्र के बीच आज मोदी कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया है। पीएम मोदी की की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में देश की लोकसभा और विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
ये खबर सूत्रों के हवाले से आई है। वहीं बताया गया है कि 20 सितंबर को इस बिल का प्रस्ताव संसद में भी पेश हो सकता है। मोदी कैबिनेट की बैठक करीब डेढ़ घंटे चली है।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने जताया आभार
इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा है कि”महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था, जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. अभिनंदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन।
पीएम 20 सितंबर को सभा को कर सकते हैं संबोधित
बीजेपी बुधवार (20 सितंबर) या फिर उसके एक दिन बाद महिलाओं की एक बड़ी सभा दिल्ली या दिल्ली से जुड़े राजस्थान के किसी शहर में कर सकती है. सभा को खुद पीएम मोदी संबोधित कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम को फिलहाल गुप्त रखा गया है।
जेपी नड्डा के घर हुई थी बैठक
इसके कयास दिल्ली में जेपी नड्डा के घर हुई एक बैठक से लागाए जा रहे हैं, क्योंकि इस बैठक में केवल दिल्ली एनसीआर के नेता ही शामिल हुए हैं। इसी के साथ यह संभावना जताई जा रही है कि एनसीआर के क्षेत्र से बड़ी संख्या में पीएम की सभा में बुलाया जा सकता है।
कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक किया स्वागत
कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने संबंधी खबर का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनका दल लंबे समय से इस विधेयक को पारित करने की मांग कर रहा है।
जयराम रमेश ने कही ये बात
जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले से जुड़ी खबर का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’
आम सहमति बानने की कही बात
रमेश ने कहा कि विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे की राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी। उन्होंने अपने एक पुराने पोस्ट का हवाला दिया, जिसमें महिला आरक्षण विधेयक की पृष्ठभूमि का हवाला दिया गया था।
राजीव गांधी के कार्यकाल का किया जिक्र
उन्होंने कहा था,‘‘सबसे पहले राजीव गांधी ने 1989 के मई महीने में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। वह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था।’’
रमेश के अनुसार, ‘‘अप्रैल 1993 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्ह राव ने पंचायतों और नगर निकायों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया था। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए।
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