बंगाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। वे उन्होंने कोलकाता (West Bengal Election LIVE) के पुरुलिया में एक मेगा रैली को संबोधित कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक रैली को खिताब करते हुए राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर जमकर हमला किया। यहा पीएम ने अपने भाषण का आगाज बांग्ला भाषा में किया। उन्होंने कहा- ‘आज पुरुलिया में पानी की समस्या एक बड़ी समस्या है। पानी नहीं होने की वजह से खेती और पशुपालन में दिक्कत आ रही है। पीएम ने कहा,”TMC सरकार सिर्फ अपने खेल में लगी है। इन लोगों ने पुरुलिया को दिया – जल संकट, इन लोगों ने पुरुलिया को दिया – पलायन, इन लोगों ने पुरुलिया के गरीबों को दिया – भेदभाव भरा शासन, इन लोगों ने पुरुलिया की पहचान बनाई है देश के सबसे पिछड़े क्षेत्र के रूप में।
#WATCH पश्चिम बंगाल में TMC के दिन अब गिनती के रह गए हैं और ये बात ममता दीदी भी अच्छी तरह समझ रही हैं। इसलिए वो कह रही हैं, खेला होबे। जब जनता की सेवा की प्रतिबद्धता हो, जब बंगाल के विकास के लिए दिन-रात एक करने का संकल्प हो, तो खेला नहीं खेला जाता, दीदी: पुरुलिया में प्रधानमंत्री pic.twitter.com/Zj8hkaQw46
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2021
दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा
पीएम मोदी ने यकीन दिलाया कि बंगाल में भाजपा सरकार बनने के बाद आपकी दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा। जब बंगाल में डबल इंजन की सरकार बनेगी, तो यहां विकास भी होगा और आपका जीवन भी आसान बनेगा। पीएम ने कहा कि यहां के जैसा ही जल संकट देश के अन्य जगहों पर भी रहा है। जहां-जहां भाजपा को खिदमत का मौका मिला, वहां सैकड़ों किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई गई, तालाब बनाए. वहां अब जल संकट दूर हो रहा है. वहां के किसान अलग-अलग फसलों को उगाने लगे हैं।
TMC हाफ और इस बार पूरी साफ-PM
तुष्टिकरण के लिए आपकी(ममता बनर्जी) हर कार्रवाई बंगाल के (West Bengal Election LIVE)लोगों को याद है। बंगाल की जनता को याद है जब आपने देश की सेना पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाया, जब पुलवामा हमला हुआ तब आप किसके साथ खड़ी थीं ये भी बंगाल के लोग भूले नहीं हैं। बंगाल के लोग बहुत पहले से कह रहे हैं- लोकसभा में TMC हाफ और इस बार पूरी साफ। लोगों का इरादा देख, दीदी अपनी खीज मुझ पर निकाल रही हैं। लेकिन हमारे लिए तो देश की करोड़ों बेटियों की तरह दीदी भी भारत की एक बेटी हैं, जिनका सम्मान हमारे संस्कारों में बसा है।