‘Mann ki Baat’: PM Modi ने याद दिलाया जनता कर्फ्यू, फिर दिया ‘दवाई भी कड़ाई भी’ का संदेश
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक (Mann ki Baat) रेडियो कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। मन की बात के 75वें संस्करण में पीएम मोदी ने पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन और जनता कर्फ्यू का जिक्र किया। पीएम ने याद करते हुए कहा कि देश के लोगों ने पहली बार जनता कर्फ्यू, इस शब्द को सुना था और यह पूरी दुनिया के लिए अचरज बन गया था।
‘दवाई भी – कड़ाई भी’ मंत्र को याद रखना जरूरी- PM
उन्होंने कहा कि पिछले साल जनता कर्फ्यू पूरी दुनिया के लिए अचरज बन गया था, हमारी (Mann ki Baat) आने वाली पीढ़ियां इस बात को लेकर गर्व महसूस करेगी। पीएम ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स के लिए थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना उनके दिल को छू गया और यही कारण है के वे लोगों की जान बचाने के लिए जी जान से जूझते रहे।
During the 75 episodes, we discussed innumerable topics including rivers to himalayan peaks, deserts to natural disasters, tales of service to mankind, technological inventions to stories of innovations from remote areas: PM Narendra Modi during the 75th episode for Mann Ki Baat pic.twitter.com/Y2OCIrByUC
— ANI (@ANI) March 28, 2021
श्रोताओं का आभार व्यक्त किया
पीएम ने कहा कि हमारे पास योग, आयुर्वेद न जाने क्या कुछ नहीं है। भारत के लोग दुनिया में गर्व से कहते हैं कि वे भारतीय है। हम अपनी भाषा, पहनावा, खान-पान पर गर्व करते हैं। हमें नया तो पाना है, लेकिन साथ में पुरातन को गवाना नहीं है। हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के दौरान कहा कि मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं कि आपने इतनी बारीक नजर से ‘मन की बात’ को फॉलो किया है और आप जुड़े रहे हैं।
नया विश्व रिकॉर्ड बनाने पर मिताली को दी बधाई
मोदी ने देश की बेटियों की जमकर तारीफ की और कहा कि हमारी बेटियां आज हर जगह अपनी अलग पहचान बना रही है। वे खेलों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। अभी हाल ही में मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं. उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई।
‘अमृत महोत्सव’ आजादी के 100 साल कर प्रेरणा देगा – PM
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं।