नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने पीएम नरेंद्र मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। यह सैन्य या नागरिक आदेशों में सर्वोच्च फ्रांसीसी सम्मान है। PM मोदी यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी से पहले दुनिया के कई नेताओं को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
पीएम मोदी से पूर्व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, वेल्स के तत्कालीन राजकुमार किंग चार्ल्स, जर्मनी के पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव सहित्स के तत्कालीन राजकुमार किंग चार्ल्स, जर्मनी के पूर्व चांसलर अन्य नेता शामिल हैं।
कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर
बता दें कि दो दिवसीय पर फ्रांस पहुंचे पीएम मोदी का पेरिस में जोरदार स्वागत किया गया। वहां पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया है। इसके बाद पीएम मोदी ने कई नेताओं से बात की। वहीं कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।
इसके बाद पीएम मोदी ने पेरिस में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीआई, चंद्रयान-3 और गरीबी जैसे मुद्दों का जिक्र किया। इसके बाद पीएम मोदी पेरिस के एलिसी पैलेस पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ डिनर किया।
फ्रांस के साथ दशकों पुराने संबंधों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में फ्रांस के साथ कम से कम चार दशक पुराने अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी याद किया जब वह 1981 में अहमदाबाद में ‘एलायंस फ्रैंकेइस सेंटर’ के पहले सदस्य बने थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘फ्रांस से मेरा लगाव काफी पुराना है, और मैं इसे कभी नहीं भूल सकता।
लगभग 40 साल पहले गुजरात के अहमदाबाद में फ्रांस का एक सांस्कृतिक केंद्र शुरू किया गया था और उसी केंद्र के पहले सदस्य आज आपसे बात कर रहे हैं।’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी और विविधता की जननी है।
उन्होंने कहा, ‘यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। भारत में 100 से अधिक भाषाएं, 1,000 से अधिक बोलियां हैं। इन भाषाओं में प्रतिदिन 32,000 से अधिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं।’
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