PM Modi Army Free Hand: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद देश में आक्रोश और चिंता का माहौल है। हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई और दर्जनों घायल हुए। इस हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
इसी कड़ी में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सेना को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह खुली छूट दे दी गई है।
पीएम मोदी का बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस विशेष बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। बैठक में पीएम मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है” और इसके लिए भारतीय सेनाओं को पूरी ऑपरेशनल फ्रीडम (PM Modi Army Free Hand) दी गई है। पीएम ने सेना की पेशेवर क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे खुद निर्णय लें कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है।
90 मिनट चली रणनीतिक बैठक
करीब 90 मिनट तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक में हालात की समीक्षा के साथ-साथ भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई और पहलगाम जैसे हमलों को रोकने के लिए संभावित उपायों पर विचार हुआ। इस बैठक में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी शामिल रहे।
पाकिस्तान की भूमिका पर भारत का कड़ा रुख
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की साजिश मानी जा रही है। इसके चलते भारत ने पाकिस्तान पर कई सख्त प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। सबसे बड़ा फैसला सिंधु जल संधि को स्थगित करने के रूप में सामने आया है। यह पहला मौका है जब भारत ने इस ऐतिहासिक जल संधि पर रोक लगाने जैसा कठोर कदम उठाया है।
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सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से सस्पेंड
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया। विदेश मंत्रालय के अनुसार यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता। इस निर्णय के जरिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वह हर मोर्चे पर कूटनीतिक, आर्थिक और सामरिक दबाव बनाने के लिए तैयार है।
पहलगाम हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैला हुआ है। आम जनता से लेकर राजनेताओं तक, सभी एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ अब नरम रुख नहीं, बल्कि निर्णायक युद्धस्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा सेना को दी गई पूरी छूट और पाकिस्तान को दिया गया कड़ा संदेश, जनता की भावनाओं के अनुरूप है।
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