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Best from Waste: गर्मियों में 10 दिन तक नहीं सूखेंगे पौधे, इन आसान ट्रिक से गर्मी के प्रकोप से बचेगा छत वाला गार्डन

Best from Waste: गर्मियों के मौसम में बागवानी करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब बात छत वाले गार्डन की आती है।

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Manya Jain
Best from Waste: गर्मियों में 10 दिन तक नहीं सूखेंगे पौधे, इन आसान ट्रिक से गर्मी के प्रकोप से बचेगा छत वाला गार्डन

Best from Waste: गर्मियों के मौसम में बागवानी करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब बात छत वाले गार्डन की आती है। तेज धूप और उच्च तापमान के कारण पौधों को सूखा का सामना करना पड़ सकता है।

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लेकिन कुछ आसान और प्रभावी ट्रिक्स अपनाकर आप अपने छत वाले गार्डन को गर्मी के प्रकोप से बचा सकते हैं और अपने पौधों को 10 दिन तक बिना पानी के भी ताजा रख सकते हैं। आज हम आपको घर  के कबाड़ में पड़ी चीजों से पौधें को बचाने के तरीके बताएंगे।

कैसे बनाएं जुगाड़

नल वाला मटका 

गर्मियों के मौसम में आमतौर पर सभी अपने घरों में मटका रखते हैं. कई बार तो हमारे घर में पुराने इस्तेमाल किया हुआ मटका पड़ा रहता.

आपको सबसे पहले एक नल वाले मटके को लेकर उसमें ऊपर तक पानी भरना है. इसके बाद इस मटके को आपको पेड़ या पौधे के गमले में रखना है.

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अब आपको इस मटके के नल को इतना खोलना है जिससे सिर्फ एक-एक बूँद बहार आ सके.

इस तरह से अगर आप अगले 10 दिनों तक बाहर भी रहते हैं तो ये बूंद-बूंद पानी गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखेगा. जिससे पौधे सूखेंगे नहीं.

तेल का खाली डब्बा 

आपको एक 5 लीटर का तेल के डब्बे की जरुरत पड़ेगी. आपको इस तेल के डब्बे के निचले हिस्से में एक छेद करना है, लेकिन ध्यान रखें ये छेद एक दम तले पर नहीं होना चाहिए.

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इसके बाद आपको इसमें एक जूट की रस्सी टुकड़ा लगाना है जो डब्बे से लेकर गमले की मिट्टी तक पहुंचना चाहिए. इतने के बाद आपको बस इस डब्बे में पानी भरना है. यह पानी आपके पौधों में  रस्सी के माध्यम से नमी बनाएं रखेगा.

प्लास्टिक की बोतल 

आपको एक 2 लीटर की कोल्ड्रिंक की बोतल लेना है. अब इस बोतल के निचले हिस्से को कैंची या चाक़ू की मदद से कट कर लेना है. इसके बाद आपको बोतल के ढक्कन में एक बारीक सा छेद करना है.

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आपको इस छेद का अकार इतना रखना है कि उसमें से बूँद-बूँद पानी गमले में जा सके. बोतल तैयार होने के बाद आपको बोतल के ऊपरी हिस्से से गम्लेकी मिट्टी में गड़ा देना है. आपको सिर्फ इतना हिस्सा मिट्टी में करना है जिससे बोतल गिरे नहीं.

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बोतल के ढक्कन से पानी का बूंद-बूंद रीसाव गमले में होगा जिससे आपके पौधे में कई दिनों तक नमी बनी रहेगी.

मल्चिंग 

मल्चिंग एक बागवानी तकनीक है जिसमें पौधों की जड़ों के आसपास मिट्टी की सतह पर जैविक या अजैविक पदार्थ की एक परत फैलाई जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की नमी को बनाए रखना, खरपतवारों की वृद्धि को नियंत्रित करना, मिट्टी के तापमान को स्थिर रखना, और मिट्टी की संरचना में सुधार करना है।

Mulch vs. Rock: Which One Is Right for Your Landscaping?

जैविक मल्च जैसे पत्तियाँ, घास की कतरन, और खाद प्राकृतिक रूप से विघटित होकर मिट्टी में पोषक तत्व जोड़ते हैं, जबकि अजैविक मल्च जैसे प्लास्टिक शीट और कंकड़ लंबी अवधि के लिए प्रभावी होते हैं। मल्चिंग न केवल पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करता है।

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