Pitru Paksha Rules: 7 सितंबर से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2024) की शुरुआत हो रही है। इसकी समाप्ति के साथ ही शुरू हो जाएंगे पितृपक्ष। इस दौरान कई लोग अपने पितरों का तृपण करते हैं। इस दौरान कई तरह के काम वर्जित होते हैं।
आपने देखा होगा कई बार लोग पितृपक्ष के 16 दिनों में नाखून और बाल नहीं काटते हैं। ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर पितृपक्ष (Pitur Paksha me nail cutting kyon nahi karte) में नाखून और बाल क्यों नहीं काटते हैं। इसे लेकर धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या है।
पितृपक्ष 2024 कब से हैं
हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार पितृपक्ष 2024 की शुरुआत 18 सितंबर से हो रही है। जिसकी समाप्ति 2 अक्टूबर को पितृमोक्ष अमावस्या के साथ होगी।
पितृपक्ष में क्यों नहीं कटवाते बाल और नाखून
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार पितृ पक्ष सुख का नहीं बल्कि दुख का त्योहार है, इसलिए इन दिनों में दुख व्यक्त करने के लिए बाल और नाखून नहीं काटे जाते।
बाल और नाखून न कटवाना (pitru paksha me kyon nahi kaate baal or Nails) शोक का प्रतीक है, यानी हम शोक में हैं, इसलिए एक तरह से हम दुख व्यक्त कर रहे हैं।
बाल और नाखून न कटवाने का धार्मिक कारण
आपने अक्सर देखा होगा नवरात्रि और पितृपक्ष (श्राद्ध पक्ष) दो ऐसे त्योहार हैं जब बाल और नाखून काटने के लिए मना किया जाता है। पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार भी धार्मिक कारण बताया गया है।
जिस तरह नवरात्रि में भगवान की साधना की जाती है। उसी तरह पितृ देव (pitru paksha date 2024) भी हमारे लिए भगवान स्वरूप हैं। इसलिए इस दौरान भी नाखून और बाल नहीं काटना चाहिए।
पितृ पक्ष का मुहूर्त (Muhurt of Pitru Paksha 2024)
पितृपक्ष श्राद्ध, पर्व श्राद्ध (पार्वण श्राद्ध) होते हैं और इन्हें करने का शुभ समय कुतुप मुहूर्त और रोहिना मुहूर्त होता है। इन दोनों शुभ मुहूर्त के बाद अपराह्न काल समाप्त होने तक भी मुहूर्त चलता है।
श्राद्ध के अंत में तर्पण (तर्पण) किया जाता है जिसमें सूर्य की तरफ मुंह करके घास की कुश (डाव) से देते हैं। प्रतिपदा श्राद्ध बुधवार 18 सितंबर 2024 से शुरू हैं।
भूल कर भी न करें ये शुभ काम
ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, घर के लिए महत्वपूर्ण चीजों की खरीददारी न करें।
इसके अलावा पितृ पक्ष (कड़वे दिन) में नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए। श्राद्ध का कार्य दिन में करना चाहिए।
नोट : इस लेख में दी गई सभी सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने के पहले विशेषज्ञों की सलाह जरूर ले लें।
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