नई दिल्ली। इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर pitru-paksha-2021 से शुरू होंगे, जो कि 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे। कहते हैं पितृ पक्ष में कोई भी शुभ काम करना वर्जित है। शायद आप भी ऐसा ही सोचते होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो केवल विवाह संबंधी कार्यों को छोड़कर हर तरह की शुभ कार्य इन श्राद्ध पक्षों में किए जा सकते हैं। चाहे खरीदारी करना हो या मकान खरीदा, सभी कार्य बेहद शुभ माने गए हैं। जानिए क्या है इसके पीछे का कारण।
श़ास्त्रों में कहीं नहीं है उल्लेख
पंडित सनत कुमार खम्परिया कहते हैं कि पितृ पक्ष में खरीदारी न करने की धारणा लोगों द्वारा स्वयं बनाई गई है। आज तक किसी शास्त्र में ऐसा वर्णित नहीं है कि इस समय कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए। केवल विवाह संबंधी कार्यों को छोड़कर अन्य सभी तरह के शुभ कार्य इस समय किए जा सकते हैं।
जब मनाते हैं महालक्ष्मी पर्व तो फिर क्यों वर्जित है खरीदारी maha laxmi parv
जब हम पितृ पक्ष के मध्य में महालक्ष्मी मनाते हैं। जिसे दीपावली से भी बड़ी लक्ष्मी माना जाता है। तो फिर इस दौरान किसी चीज की खरीदारी करना अशुभ कैसे माना जा सकता है। पितरों का फल देवों के फल के तुल्य होता है।
तिरूपति बालाजी में तो मनाते है बृहृमोत्सव tirupati balaji temple andhara
पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार पितृ पक्ष में अष्टमी तिथि पर आंध्र के तिरूपति बालाजी मंदिर में बृहृमोत्सव मनाया जाता है। जिसमें भगवान तिरूपति और मां पद्मावति का मिलन होता है। इसे बृहृमोत्सव कहा जाता है।
सितंबर 2021 के शुभ मुहूर्त (shubh muhurat in september)
17 सितंबर 2021 (शुक्रवार) 06.00 AM से 11.56 PM तक
21 सितंबर 2021 (मंगलवार) 06.10 AM से 05.00 AM (अगले दिन) तक
23 सितंबर 2021 (गुरुवार) 06.15 AM से 06.10 AM (अगले दिन) तक
24 सितंबर 2021 (शुक्रवार) 06.10 AM से 09.00 AM तक
27 सितंबर 2021 (सोमवार) 06.15 AM से 06.10 AM (अगले दिन) तक
30 सितंबर 2021 (गुरुवार) 06.15 AM से 06.00 AM (अगले दिन) तक
महत्वपूर्ण तिथियां-
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष 20 सितंबर से शुरू होंगे, जो कि 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे।
पितृ पक्ष 2021 की तिथियां
पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर
प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर
द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर
तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर
चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर
पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर
षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर
सप्तमी श्राद्ध – 28 सितंबर
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर
नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर
दशमी श्राद्ध – 1 अक्तूबर
एकादशी श्राद्ध – 2 अक्टूबर
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर
त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्टूबर
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर
नोट — इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी को अमल में लाने के पहले विषय विशेषज्ञ की सलाह ले लें।