भोपाल। प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने के मामले सामने आ रहे थे। इस संबंध में 14 दिसबंर को सीएम डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए थे। अब इस मामले में पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव ने समस्त जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द खुले बोरवेल एंव नकूलपों को बंद किया जाए।
पोर्टल पर दर्ज होगा खुले बोरवेलों का विवरण
जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाए। पीएचई विभाग ने एक पोर्टल भी तैयार करवाया है जिसमें प्रदेश के खुले बोरवेलों की जानकारी दर्ज की जाएगी। बता दें कि पीएचई विभाग की ओर जारी किया यह दूसरा आदेश है। इससे पहले भी इस संबंध में आदेश जारी हुआ था।
इस गंभीर विषय पर राज्य सरकार के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लेते हुए 14 दिसंबर को आदेश जारी कर दिया है।
आदेश में कही ये बात
सभी कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों, सीईओ जिला पंचायत, सभी CMO नगरपालिका, नगर परिषद को दिए निर्देश में प्रमुख सचिव पीएचई ने कहा है कि अनुपयोगी और खुले नलकूप, बोरवेल, ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोके जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 11 फरवरी 2010 और 6 अगस्त 2010 को गाइडलाइन जारी की गई है। इसका पालन कराना फील्ड अफसरों की जिम्मेदारी है।
पार्टल के जरिए होगी मॉनिटरिंग
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ल द्वारा गुरुवार को जारी आदेश में कहा है कि विभाग द्वारा एक पोर्टल विकसित किया जाएगा। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत और जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय द्वारा नए नलकूप खनन की जानकारी फीड की जाएगी।
इसमें नलकूप खनन मशीनों के पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदारों की जानकारी तथा अनुपयोगी और खुले नलकूपों की जानकारी पोर्टल के माध्यम से एकत्र की जाएगी। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
ये भी पढे़ं
Dhirendra Shastri: आज दिल्ली में कथा करेगें बागेश्वर सरकार, इस इलाके में ट्रैफिक रहेगा प्रभावित
Kharmas 2023: खरमास आज से शुरू, सभी मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक, जानें राशियों का हाल
MP Weather Update: आगामी दिनों में मौसम में कोई बदलाव नहीं, जानें कैसा रहेगा आज प्रदेश का मौसम