भोपाल। पीएचडी रिसर्च से संबंधित खुशखबरी आई है। अब पीएचडी पूरा करने के लिए 6 साल मिलेंगे। यूजीसी ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों में महिलाओं के लिए भी कई प्रकार की छूट दी गई हैं। बता दें कि पीएचडी के लिए यह नई गाइडलाइन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा जारी की गई है। जिसके अनुसार रिसर्चर्स के लिए अब पीएचडी की डिग्री पूरा करने के लिए 6 साल का समय दिया जाएगा।
यह बदलाव भी किए गए
नए नियमों के अनुसार यदि कोई रिसर्चर्स किन्हीं कारणों के चलते डीआरसी में शामिल नहीं हो पाया तो 6 मह के अंदर एक बैठक कर रिसर्च का सब्जेक्ट स्वीकृत किया जाएगा। वहीं यदि पीएचडी रिसर्चर्स महिला की शादी हो गई है और वह किसी दूसरे शहर में पहुंच गई है तो ऐसी स्थिति में किसी भी संस्थान से पीएचडी का कोर्स जारी रखा जा सकता है। साथ ही नई गाईडलाइन के अनुसार कोई भी परमानेंट अध्यापक अपने रिटायरमेंट के तीन वर्ष पहले ही नए रिसर्च के लिए नया रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकेंगे।
इन्हें दो साल की छूट भी दी जाएगी
यूजीसी द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार ऑनलाइन और डिस्टेंस स्टडी पर रोक लगाई गई है। वहीं महिलाओं और दिव्यांगों के लिए दो साल की छूट दी जा सकेगी। पार्ट टाइम पीएचडी करने का विकल्प भी दिया गया है। हालांकि कोरोना काल के दौरान पीछे रह गए रिसर्चर्स के लिए किसी प्रकार की सूचना जारी नहीं की गई है। साथ ही स्वास्थ्य कारणों से परेशान चल रहे रिसर्चर्स के लिए भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।