Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है।
इसको लेकर जानकारी मिल रही है कि लगभग 4077 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों को बंद करने की तैयारी है। इन स्कूलों के शिक्षक और बच्चों को दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा।
यह सब होगा युक्तियुक्तकरण नीति (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) के तहत। इन स्कूलों के बंद होने के साथ ही हमेशा के लिए लगभग 20 हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद भी समाप्त हो जाएंगे।
आने वाले समय में कभी भी नई भर्ती नहीं निकलेगी। इतना ही नहीं जो शिक्षक अभी वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं, उनकी पदोन्नति भी रुक जाएगी।
यह सब कहना है छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का। इसके विरोध में सभी शिक्षक संगठनों ने 22 अगस्त से चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके बाद भी यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगे हड़ताल भी की जा सकती है।
शिक्षकों ने जताई आपत्ति
शिक्षा विभाग में तर्कसंगत समायोजन कराने प्रदेश के दो लाख शिक्षक 22 अगस्त से चरणबद्ध आंदोलन (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) करने वाले हैं। पहले दिन पूरे प्रदेश में कलेक्टर और डीईओ को शिक्षक संगठन ज्ञापन देंगे।
इसको लेकर बीते दिन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा की वर्चुअल बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि शालेय शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन और नवीन शिक्षक संघ द्वारा गठित मोर्चा ने शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति पर भी आपत्ति जताई है।
बच्चों की शिक्षा पर पड़ेगा प्रभाव
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) के प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, मनीष मिश्रा और विकास राजपूत ने संगठन की मांगों को लेकर जानकारी दी। साथ ही उनके चरणबद्ध आंदोलन के बारे में भी बताया।
उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2008 सेटअप के प्रतिकूल सरकारी स्कूलों और शिक्षकों को कम किया जा रहा है। इनको मर्ज करने से बच्चों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। इसको लेकर शिक्षक बच्चों के माता-पिता को भी जानकारी देंगे।
प्राइमरी और मिडिल स्कूल होंगे बंद
शिक्षक संगठनों (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) ने दावा किया है कि प्रदेश में बहुत जल्द ही शिक्षा विभाग के द्वारा 4077 प्राइमरी और मिडिल स्कूल को बंद कर दिए जाएंगे। इसका असर शिक्षकों के पदों पर भी होगा। जहां बड़े स्तर पर पदों की कटौती की जा रही है। इससे नई नियुक्ति पर असर पड़ेगा।
बच्चों की पढ़ाई पर ऐसे आया संकट
पुराने सेटअप (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) के अनुसार प्रदेश में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों का आंकड़ा लगभग 20 हजार है। इस सेटअप में प्राथमिक स्कूल में 60 बच्चों पर एक हेड मास्टर और 2 शिक्षक का प्रावधान था।
इसमें बदलाव कर अब एक स्कूल में हेड मास्टर के अलावा एक शिक्षक रखने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे एक शिक्षक पांच कक्षाओं के छात्रों को कैसे पढ़ा पाएगा। इसी तरह मिडिल स्कूल में 105 बच्चों पर एक हेड मास्टर और 4 शिक्षक का प्रावधान था। अब वहां हेड मास्टर के अलावा 3 शिक्षक की नियुक्त होंगे।
इसलिए खत्म हो जाएंगे 20 हजार पद
पुराने सेटअप को चेंज कर जो नया सेटअप शिक्षा विभाग (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) के द्वारा तैयार किया गया है। उसके अनुसार हर स्कूल से एक शिक्षक को भी कम किया गया तो प्रदेश में अपनेआप 20 हजार शिक्षकों के पद खत्म हो जाएंगे। जिन पर कभी भी नई भर्ती नहीं हो सकेगी।
इतना ही नहीं अपनी पदोन्नति का इंतजार रहे शिक्षकों (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) को भी प्रमोशन मिलना मुश्किल है। मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा का कहना है कि युक्तियुक्त करण, स्कूलों को मर्ज करने वाली नीति से प्रदेश में एक साथ 20 हजार पद एक साथ खत्म हो जाएंगे। ऐसे में आने वाले समय में जो युवा डी-एड और बी-एड कर शिक्षक बनने का सपना देख रहे, उनको कभी मौका ही नहीं मिलेगा।
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शिक्षक संगठनों ने खोला मोर्चा
बता दें कि शिक्षक संगठनों (Chhattisgarh Teacher Sangharsh Morcha Protest) के द्वारा 22 अगस्त को सभी जिले में कलेक्टर और डीईओ को ज्ञापन दिया जाएगा।
इसके बाद 23-28 अगस्त तक मंत्री, सासद और विधायक को ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद 2-3 सितम्बर को सचिव और डीपीआई को ज्ञापन देकर समस्या बताई जाएगी। इसके बाद 9 सितम्बर को जिलों में विशाल धरना प्रदर्शन होगा।