Petrol-Diesel: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार कुछ पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स घटा सकती है। खुदरा महंगाई को कम करने में मदद की आरबीआई की सिफारिश पर सरकार यह फैसला ले सकती है। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने सहमति राज्यों पर छोड़ दी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि पेट्रोल-डीजल जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी है, इसके बाद ही इस पर फैसला लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि एक बार राज्य पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाने के लिए राजी हो जाते हैं और जीएसटी काउंसिल भी राजी हो जाती है और पेट्रोल-डीजल की जीएसटी दर तय हो जाती है तो हम पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल देंगे। गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का जिक्र किया था। पेट्रोलियम मंत्रालय पिछले कुछ सालों में कई बार इसकी कोशिश भी कर चुका है।
बताते चलें कि पेट्रोल व डीजल पर अभी उत्पाद शुल्क लगता है जिसमें राज्यों की हिस्सेदारी भी होती है। जीएसटी के दायरे में नहीं होने से राज्य अपने हिसाब से पेट्रोल व डीजल पर वैट भी लगाते हैं जो उनके राजस्व का प्रमुख स्त्रोत हैं। आगामी 18 फरवरी को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है। हालांकि आगामी बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी क्योंकि यह काउंसिल की बैठक के एजेंडा में नहीं है।