कोविड-19 के चलते लोग अपने मूल भारतीय मूल्यों,पद्धतियों की ओर लौटे: जितेंद्र सिंह

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग मूल भारतीय मूल्यों की ओर लौटे हैं और ‘हाथ धोने’ एवं ‘नमस्ते’ जैसी पद्धतियां अधिक उत्साह के साथ प्रचलन में आयीं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने सभी के मन में स्वास्थ्य देखभाल के महत्व को राष्ट्रीय प्राथमिकता के तौर पर स्थापित किया और दुनिया को एक-दूसरे से दूरी, स्वच्छता, योग, आयुर्वेद एवं पारंपरिक औषधियों के गुणों से अवगत कराया।
कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘‘ पहले की तुलना में वे इस पर और विश्वास करने लगे हैं तथा योग एवं आयुर्वेद में फिर से रुचि जगी है जिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से जोर रहा है।’’
भारतीय जन प्रशासन संस्थान में ‘अंदरूनी अभियांत्रिकी- कल्याण के लिए प्रौद्योगिकियां’ विषय पर आध्यात्मिक नेता सदगुरू जग्गी वासुदेव के साथ सत्र को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगाये गये लॉकडाउन के दौरान कई लोगों ने न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने के लिए बल्कि अकेलापन एवं तनाव के कष्टों से निजात पाने के लिए योग अपनाया।’’
कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि कोविड-19 के बाद के दौर में एक सबसे बड़ी बात है कि बीमारी के चले जाने के बाद भी योग की आदत डाल लेने वाले लोगों द्वारा बाकी जीवन में भी उसे जारी रखने की संभावना है ।
वासुदेव ने कहा, ‘‘ भारत सदैव कुछ नया ढूढने वालों की भूमि रही है और यहां विश्वास प्रणाली का ठहराव नहीं रहा है। उसकी कभी आधिपत्य की संस्कृति नहीं रही बल्कि यह सदैव पता लगाने की भी भूमि है और हमें अपने गणतंत्र के आगे बढ़ने के लिए इस मूल्य प्रणाली को बनाये रखना हेागा।’’
भाषा
राजकुमार माधव
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