Schemes For Orphan Children: कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए मध्य प्रदेश के 9,041 बच्चों की पेंशन बंद हो गई है। इन बच्चों में से 1,041 ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया, जबकि 8,000 बच्चों ने माता-पिता में से किसी एक को खोया। राज्य सरकार ने उनके लालन-पालन के लिए स्पॉन्सरशिप स्कीम और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना शुरू की थीं। जिनके तहत हर माह 4,000 रुपये पेंशन दी जाती थी, लेकिन जनवरी से यह राशि नहीं मिल रही है। मतलब राज्य सरकार की तरफ से दोनों योजनाएं रोक दी गई हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्र से राशि नहीं आ रही है।
राजधानी भोपाल में 1662 बच्चों को मिलती थी पेंशन
अकेले भोपाल में ऐसे 1662 बच्चे हैं। स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत 962 बच्चों और मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना के तहत 700 बच्चों को मदद दी जा रही थी। जो बीते 9 महीने से रुकी हुई है। राशि जनवरी माह से नहीं आई है। इस मामले को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला बोले- यदि ऐसा है तो मैं जांच करवाता हूं।
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केंद्र से बजट न मिलने से राज्य की 2 योजनाएं रुकीं
बच्चों को पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार से बजट नहीं मिलने का दावा विभागिय अधिकारी कर रहे हैं। केंद्र की ओर से फंड न मिलने के लिए राज्य सरकार ने भी बच्चों को सहायता राशि देने वाली अपनी 2 योजनाएं रोक दीं। ये दो योजना स्पॉन्सरशिप स्कीम और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना हैं। इन योजनाओं के तहत बच्चों को हर माह 4,000 रुपये पेंशन दी जाती थी, लेकिन जनवरी 2024 से यह राशि नहीं मिल रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलने के कारण पेंशन बंद हो गई है। हालांकि मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के लिए 7.98 करोड़ रुपये की राशि का बजट में प्रावधान किया गया है। किंतु पेंशन बंद है।
उपमुख्यमंत्री को मामले की जानकारी नहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन वे इसकी जानकारी लेंगे। वहीं, राज्य स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा है कि सरकार इन बच्चों की चिंता करती है और उनके लिए बजट भी है। उन्होंने दावा किया है कि इस योजना के तहत नियमित रूप से पैसे पहुंच रहे हैं और बजट के अभाव को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया है।