MSP For Wheat in MP: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी चीफ जीतू पटवारी ने किसानों के गेहूं और धान के लिए समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मांग करते हुए पत्र लिखा है।
मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 1 जुलाई से आरंभ हो रहा है। इसी के साथ सत्र के लिए बजट की तारीख भी तय हो गई है। बता दें कि सरकार अपना पहला बजट 3 जुलाई को विधानसभा में प्रस्तुत करेगी।
PCC चीफ जीतू पटवारी ने CM मोहन यादव को लिखा पत्र, 'गेंहू और धान के लिए समर्थन मूल्य घोषित करें' #jitupatwari #cmmohanyadav #letter #wheat #dhaan #bhopal #MPNews #MadhyaPradesh pic.twitter.com/pdiZc9Yydm
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 27, 2024
किसानों का खर्च चार गुना बढ़ा
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने मप्र के सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा कि मैं फिर से यह बताना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ने ने चुनावी घोषणा-पत्र में गेहूं में 2 हजार 700 रुपए और धान पर 3 हजार 100 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य देने का वादा किया था।
इस बात को भाजपा ने कई भाषणों में चुनावी भाषणों में कही थी। जीतू पटवारी ने आगे लिखा कि करीब 20 साल पुरानी सरकार का वादा और विधानसभा चुनाव में दी गई मोदी की गारंटी को अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
आप भी इसपर आश्चर्यजनक रूप से चुप हैं, क्यों ? साथ ही जीतू पटवारी ने पत्र में लिखा कि इसके लिए मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री से भी अनुरोध किया था, वही बात एक बार फिर आपसे कहता हूं कि मोदी ने किसानों की आय दो दोगुना करने का वादा सभी के सामने किया था।
वही मोदी हैं, जो जानते हैं कि आमदनी दोगुनी नहीं हुई, लेकिन किसानों के खर्च में चार गुना की बढ़ोतरी हो चुकी है।
किसानों की यह जरूरत और अधिकार है
जीतू पटवारी ने पत्र में आगे लिखा कि कांग्रेस के विधायक विधानसभा और सड़कों पर यह बात जरूर पूछेंगे कि गेहूं और धान उपजाने वाले किसान का इन फसलों पर समर्थन मूल्य क्यों नहीं दिया जा रहा है?
साथ ही उन्होंने यह आग्रह करते हुए कहा कि गेहूं और धान के लिए घोषित समर्थन के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करें और इसी बजट में यह भी सुनिश्चित करें कि किसानों को इसके लिए बकाया राशि बोनस के रूप में दी जाएगी। एमपी के किसानों की यह जरूरत भी है और अधिकार भी।
भाजपा-कांग्रेस का एक दूसरे पर पलटवार
जीतू पटवारी के इस पत्र पर भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि उन्हें इस मामले में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। 10 दिन से कर्ज माफ करने का वादा किया था, तब जीतू पटवारी ने किसानों के समर्थन में एक शब्द तक नहीं बोला था और न ही किसानों को कर्जमाफी को लेकर कोई बात कही थी।
ऐसे नेता को किसानों के लिए कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। साथ ही इसपर कांग्रेस के पूर्व विधायक कृणाल चौधरी ने कहा कि हमे सरकार को भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र जरूर याद दिलाना चाहिए, क्योंकि गेहूं और धान पर एमएसपी वादे के अनुसार नहीं मिल रहा है।
लगीं, लोगों को वादे के अनुरूप सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है। बजट में इन सब का प्रावधान हो, हम यह याद दिला रहे हैं।
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