What is Pager Device: बीते दिन मंगलवार 17 सितंबर को दोपहर में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर पेजर फट गया। यह विस्फोट इतना भयानक था कि हिजबुल्लाह को समझ नहीं आया कि आखिर यह हुआ क्या है। लेबनान में जो भी व्यक्ति इस पेजर का इस्तेमाल कर रहा था, उसे या तो अपनी जान गंवानी पड़ी या फिर घायल हो गया। बता दें कि, पेजर का आविष्कार एक रोमानियाई यहूदी परिवार में जन्में इरविंग अल ग्रास ने किया था।
ग्रास का जन्म कनाडा के टोरंटो में हुआ था, लेकिन उनका बाकी का समय अमेरिका के ओहियो राज्य में ही बीता था। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये पेजर होता क्या है और कैसे काम करता है।
क्या होता है पेजर?
बता दें कि पेजर एक बहुत पुराना कम्युनिकेशन (communication) इक्विपमेंट है, जिसे बीपर या ब्लीपर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक छोटा सा डिवाइस है, जो कि रेडियो सिग्नल (Radio Signal) के माध्यम से टेक्स्ट मैसेज को रिसीव करता है।
90 के दशक में इसका इस्तेमाल इतना आम नहीं था, उस समय इस पेजर का यूज सिर्फ डॉक्टर, बिजनेसमैन और इमरजेंसी में किया जाता था। इसकी खासियत यह थी कि इसे किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट करने की जरूरत नहीं होती है, यह सिर्फ रेडियो सिग्नल पर कार्य करता है।
कैसे करता है पेजर काम?
लेबनान में हजारों लोगों को घायल करने वाला पेजर एक रेडियो ट्रांसमीटर (Radio Transmeter) की तरह कार्य करता है। जब किसी को मैसेज भेजना होता है, तो वह मैसेज एक पेजर स्टेशन को भेजा जाता है।
पेजर स्टेशन इस मैसेज को रेडियो वेव्स के माध्यम से दूसरे पेजर तक पहुंचा देता है। जैसे ही पेजर पर यह मैसेज पहुंचता है, तो वह बीप करके या वाइब्रेट करके नोटिफिकेशन देता है।
कितनी तरह के होते हैं ये पेजर?
बता दें कि ये पेजर तीन प्रकार के होते हैं, जिसमें वन-टू-वन पेजर, टू-वे-पेजर और वॉयस पेजर शामिल है। वन-वे पेजर में सिर्फ मैसेज को रिसीव किया जा सकता है, लेकिन किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं भेजा जा सकता।
वहीं, टू-वे पेज में मैसेज रिसीव करने के साथ ही मैसेज को दूसरे पेजर पर भेज भी सकते हैं। वहीं, वॉयस पेजर पर वॉयस भी रिसीव नहीं कर सकते हैं।
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