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Pankaj Udhas Death: गजलों को गली-मोहल्लों तक पहुंचाने वाले पंकज उधास की कहानी, कम उम्र में संगीत में ऐसे रमे कि पीछे मुड़कर नहीं देखा

Pankaj Udhas Death:Pankaj Udhas Death: गजल गायक पंकज उधास चारण का निधन हो गया है.  बताया जा रहा है कि पंकज लंबी बीमारी से जूझ रहे थे.

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Bansal news
Pankaj Udhas Death: गजलों को गली-मोहल्लों तक पहुंचाने वाले पंकज उधास की कहानी, कम उम्र में संगीत में ऐसे रमे कि पीछे मुड़कर नहीं देखा

   हाइलाइट्स

  • उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे सिंगर

  • बेटी नायाब उधास ने मौत की खबर की शेयर

  • 72 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

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Pankaj Udhas Death: गजलों को गली-मोहल्लों और गांवों तक पहुंचाने वाले पंकज उधास अपने चाहने वालों को उदास कर गए हैं. पंकज उधास ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. उनके जाने के बाद एक पूरी पीढ़ी अपने बचपन में वापस लौट रही है. सिंगर उम्र संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे. उनका निधन 26 फरवरी 2024 को सुबह लगभग 11 बजे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ.

पंकज के निधन की खबर लगने के बाद म्यूजिक जगत में शोक की लहर है. उनका यूं दुनिया छोड़कर चले जाना उनके चाहने वालों को गमगीन कर गया. हर कोई उन्हें नम आंखों से आखिरी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है. पंकज उधास ने जगजीत सिंह और तलत अजीज के साथ मिलकर गजल सिगिंग को पॉपुलर बनाया था.

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   जमींदार चारण परिवार में हुआ था जन्म

पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात में राजकोट के पास चारखड़ी-जैतपुर में एक जमींदार परिवार में हुआ था. तीनों भाइयों में पंकज सबसे छोटे थे. उनको संगीत विरासत में मिला था. प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान ने उनके पिता केशुभाई उधास को दिलरुबा वादन सिखाया था. पंकज बचपन में अपने पिता के साथ दिलरुबा वाद्य यंत्र बजाया करते थे. संगीत में बेटे की रुचि को देखकर उनके पिता ने भाइयों समेत उनका दाखिला संगीत अकादमी में कराया था.

पंकज उधास ने शास्त्रीय संगीत कादिर खान साहब से सीखा था.  इसके बाद वह ग्वालियार घराने के गायक नवरंग नागपुरकर से ट्रेनिंग लेने मुंबई चले गए थे. साल 1972 में आई फिल्म कामना से पंकज उधास ने फिल्मी गायन करियर की शुरुआत की थी. गजल में दिलचस्पी के चलते उन्होंने उर्दू सीखी. पंकज उधास की लोकप्रियता इतनी थी कि वह कनाडा और अमेरिका में गजल प्रोग्राम करते थे. उनकी पहली गजल एल्बम आहट रिलीज हुई. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

   6 साल की उम्र में शुरू हुआ था करियर 

पंकज उधास के घर में संगीत का माहौल होने के चलते उनके करियर की शुरुआत 6 साल की उम्र से हो गई थी. घर में संगीत सीखने के बाद पंकज ऐसे रमे की संगीत की दुनिया के ही होकर रह गए. पंकज उधास को संगीत का पहला एक्सपोजर स्कूल में प्रार्थना करने से शुरू हुआ था. 

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पंकज उधास का पहला एल्बम 'आहट' साल 1980 में आया था. उन्होंने इसमें कई गजलें गाई थीं. जिसके बाद पंकज गजल गायिकी के लिए फेमस हुए. पंकज उधास ने 'चिट्ठी आई है...', 'जिएं तो जिएं कैसे बिन आपके...', 'चांदी जैसा रंग है तेरा, सोने जैसे बाल...', 'ना कजरे की धार जैसी सुपरहीट गजलें गाईं है. 

   पंकज की लव स्टोरी

पंकज अपनी गजल के साथ-साथ अपनी लव स्टोरी के लिए भी फेमस हैं. उनकी लव स्टोरी की शुरुआत 70 के दशक में हुई. उनकी लव स्टोरी की शुरुआत उनके पड़ोसी से शुरू होती है. उनकी पत्नी फरीदा से पंकज की पहली मुलाकात उनके पड़ोसी ने ही कराई थी. फरीदा एक एयरहोस्टेस थीं और पंकज उस समय ग्रैजुएशन कर रहे थे. दोनों की पहली मुलाकात के बाद मुलाकात का दौर शुरू हुआ. दोनों एक दूसरे के साथ वक्त बिताने लगे और दोनों में करीबी बढ़ गई. 

दोनों की प्यार की कहानी में धर्म भी बीच में आया था. पंकज हिंदू थे और फरीदा पारसी परिवरा से ताल्लुक रखती थीं. पंकज की फैमिली को तो शादी से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों उनकी इस शादी से खुश नहीं थे. दोनों ने तय की किया कि जब दोनों परिवार सहमत होंगे तभी शादी करेंगे. फिर क्या था, कुछ समय बाद फरीदा के घरवालों ने शादी के लिए हामी भरी और दोनों ने शादी कर ली. पकंज उदास और फरीदा का एक बेटा और एक बेटी है.

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