हाइलाइट्स
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छत्तीसगढ़ के मुंगेली में प्रशासन ने कथा के लिए किया ना
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प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम नहीं होना बताई वजह
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मुंगेली जिले के लोरमी में होना थी कथा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में पंडित प्रदीप मिश्रा के शिवमहापुराण कथा आयोजन के लिए प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है। आयोजन समिति ने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन लोरमी SDM ने असहमति जताते हुए इसे अस्वीकार कर दिया।
इसलिए प्रशासन ने की ना
अनुमति ना देने को लेकर प्रशासन का कहना है कि आयोजन समिति की ओर से पर्याप्त इंतजाम नहीं किया गया था। हालांकि, इस बीच आयोजन समिति की तैयारी चल ही रही (Chhattisgarh News) थी।
2 से 8 अगस्त तक होनी थी कथा
जानकारी के अनुसार मुंगेली जिला प्रशासन ने पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के आयोजन के लिए 6 विभागों से अभिमत मांगा था।
जिसके बाद आपत्तियों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। यह कार्यक्रम 2 अगस्त से 8 अगस्त तक प्रस्तावित था।
लोरमी युवा मंडल तैयारियों में जुटा हुआ था। समिति के अध्यक्ष अनिल सलूजा ने इसके लिए अनुमति मांगी (Chhattisgarh News) थी।
ना डोम सुरक्षित ना ड्रेनेज व्यवस्था
जिला लोक निर्माण विभाग (PWD) का कहना है कि सभा स्थल का रकबा 4 एकड़ है, जो प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख व्यक्तियों के लिए अपर्याप्त है।
प्रस्तावित स्थल अस्थाई रूप से नरम मिट्टी से पाटा गया है, जिससे डोम गिरने की संभावना है।
इसके अलावा ड्रेनेज व्यवस्था की कमी है, साथ ही मौसम को देखते हुए पानी भराव की आशंका है। इसके अलावा भगदड़ की संभावना(Chhattisgarh News) है।
पुलिस ने कहा- तकनीकी विभागों की सहमति के बिना अनुमति उचित नहीं
बिजली विभाग के अनुसार बारिश के दौरान आंधी-बारिश और आकाशीय बिजली को ध्यान में रखते हुए कथा के आयोजन की अनुमति देना उचित नहीं है।
पुलिस विभाग ने कहा, प्रमुख तकनीकी विभागों की सहमति के अभाव में सुरक्षा व्यवस्था के नजरिए से आयोजकों को अनुमति देना उचित नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा- मलेरिया- डायरिया का प्रकोप
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 30 से 40 हजार श्रद्धालु रात में पंडाल में ही विश्राम करेंगे, जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है।
लोरमी क्षेत्र में मलेरिया और डायरिया के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य संबंधी खतरे (Chhattisgarh News) हैं।
पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुताबिक कथा की तैयारियों के लिए समय कम होने और दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों के खतरे के कारण कार्यक्रम के लिए व्यवस्था उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
नगरीय प्रशासन ने कहा, बारिश के मौसम में कार्यक्रम स्थल पर पानी की निकासी की व्यवस्था (Chhattisgarh News) नहीं है।
क्या प्रशासन ने हाथरस भगदड़ से सबक लिया?
बता दें कि यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को एक कथा के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी।
जिसमें अधिकांश महिलाओं की मौत हुई थी। वहां भी अव्यवस्थाओं का आलम था, जिसके बाद भगदड़ हो गई थी और बड़ा सादसा हो गया।
सूत्र बताते हैं छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिला प्रशासन ने भी शायद हाथरस की भगदड़ से सबक लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा की अनुमति देने से इनकार किया है।