नई दिल्ली। pancreatic cancer आपने अक्सर देखा होगा healthलोग को स्किन एलर्जी के चलते शरीर में कई जगह खुजली होने लगती है। health care पर हर समय ये खुजली स्किन skin एलर्जी या त्वचा रोग के कारण हो ये जरूरी नहीं। जी हां जानकारों की मानें तो कई बार स्किन एलर्जी एक खतरनाक बीमारी का संकेत हो सकती है। अगर आपको भी कुछ इस तरह की समस्या हो जाए तो आपको भी सतर्क हो जाना चाहिए।
जी हां यहां हम बात कर रहे हैं अग्नाशय यानि पैनक्रियास के कैंसर की। जहां खुजली का होना इस गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
क्या होते हैं अग्नाशय के कैंसर के लक्षण — Pancreatic Cancer sign
व्यक्ति के शरीर में अग्नाशय यानि पैनक्रियास की कोशिकाएं जब अनियंत्रित तरीके से बढ़ जाती हैं। तो ये ट्यूमर बन जाती हैं। जो बाद में आगे जाकर कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसके बाद धीरे—धीरे ये कोशिकाएं पूरे शरीर में फैल जाती हैं। जो आगे जाकर जान लेवा साबित हो सकती हैं। हालांकि अग्नाशय के कैंसर के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में इसके लक्षण सामान्य होते हैं।
पेट-पीठ में दर्द होना।
भूख न लगना।
व्यक्ति का वजन अचानक से कम होना।
पीलिया।
यूरीन का रंग गहरा होना।
रक्त के थक्के जमना।
जल्दी थकान महसूस होना।
इसके अलावा इसका एक लक्षण त्वचा में खुजली भी बताया गया है। जो बीमारी के शरीर में बढ़ने के बाद दिखाई देने लगता है।
अग्नाशय है शरीर का केंद्र —
आपको बता दें हमारे शरीर के स्वस्थ्य होने के लिए अग्नाशय का स्वस्थ्य होना बेहद जरूरी है। वो इसलिए क्योंकि अग्नाशय यानि पैनक्रिया पेट के पास स्थित एक खास अंग होता है। जो भोजन को पचाने में सहायक होता है। इतना ही नहीं इसी से व्यक्ति के शरीर का ब्लड शुगर भी कंट्रोल होता है। इसके गड़बड़ होने पर शरीर में ब्लड शुगर लेबल बढ़ने से व्यक्ति को शुगर की शिकायत होने लगती है।
खुजली के ये लक्षण दिखने पर हो जाएं सावधान — Pancreatic Cancer
हमारे शरीर में पित्त में बिलरुबिन नाम का एक केमिकल होता है। जब हमारा लीवर इस बिलरुबिन को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाने के कारण अनियंत्रित हो जाता है। तो इस कंडीशन में ये हमारे शरीर में पीलिया की वजह बनता है। इसके बाद ये पीलिया आंखों और त्वचा पर दिखाई देने लगता है। होता यूं है कि पित्त नली पित्त को लिवर से छोटी आंत की तरफ ले जाती है। तो वहीं अग्नाशय का ट्यूमर लिवर को पित्त में रिलीज करने से रोकता है। यही कारण है कि शरीर में बिलरुबिन बढ़ने लगता है। आपको बता दें जानकारों के अनुसार पीलिया एक ऐसी बीमारी जो अग्नाशय के कैंसर रोगियों को प्रभावित कर सकती है। यही कंडीशन है जब इस स्थिति में गंभीर खुजली होती है।
नजर अंदाज न करें खुजली —
आपको बता दें शरीर पर होने वाली खुजली को लोग अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं। लेकिन आपको बता दें शरीर की खुजली अग्नाशय के कैंसर का सामान्य लक्षण नहीं है। अगर ज्यादा तेज और लंबे समय तक खुजली हो रही है तो ये आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। क्योंकि यह अग्नाशय कैंसर का संकेत हो सकती है। होता ये है कि इससे आगे चलकर रोगी की स्किन का रंग भी बदल सकता है। अगर आप भी कुछ इस तरह की समस्या से पीड़ित हैं तो बिना देरी करे डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या हो सकता है अग्न्याशय में ट्यूमर का क्या कारण reasion of Pancreatic Cancer
विशेषज्ञों की मानें तो अग्नाशय के कैंसर होने का कोई विशेष कारण नहीं माना जा सकता है। लेकिन फिर भी कैंसर के लिए सामान्य कारण माने जाते हैं उनमें व्यक्ति द्वारा धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, आदि माना गया है। इतना ही नहीं इसके पीछे मोटापा के साथ—साथ, शुगर यानि डायबिटीज भी बड़ी वजह मानी जा सकती है।
कैंसर का कैसे लगाएं पता —
कैंसर कोई भी हो, इसका शुरूआती स्टेज पर पता लगाया जाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। आमतौर पर लेकिन होता ये है कि इसके गंभीर स्टेज पार हो जाने पर ही पता चलता है। उस समय होता ये है व्यक्ति का मोटाबॉलिज्म गिरने, अग्नाशय के स्वस्थ्य कोशिकाओ के ठीक से काम न करने के कारण स्थितियां बिगड़ने लगती हैं। जिसके बाद ट्यूमर शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैलने लगता है।
क्या है अग्नाशय के कैंसर का इलाज — treatment of Pancreatic Cancer
अग्नाशय के कैंसर का पता चलने पर बिना देरी करें डॉक्टर से संपर्क करें। इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उनके बताए अनुसार स्टेज के आधार पर इलाज किया जाता है। आपको बता दें इसके इलाज में सबसे ज्यादा एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेडेड कोलांगियोपेंक्रोग्राफी प्रक्रिया (ईआरसीपी) एंड कोलांगियोस्कोपी का उपयोग किया जाता है। इसमें लगभग सीीा चीजों का पता चला जाता है। जिसके बाद ज्यादा जांच की जरूरत नहीं पड़ती। इससे पारंपरिक तरीके से की जाने वाली एन्डोस्कोपिक रेट्रोग्रैड कोलैंगियोपैरेग्रोफी की अपेक्षा इलाज में समय कम लगता है।
अग्नाशय के कैंसर से बचने के तरीके — Pancreatic Cancer
आज के समय में बदलता खानपान ज्यादातर बीमारियों की जड़ है। ऐसे में जरूरी है कि व्यक्ति को सबसे पहले अपना खानपान सुधारना चाहिए। ऐसा करने से काफी हद तक बीमारियों के रिस्क को कम किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है अपनी डाइट में संतुलित और स्वच्छ आहार को शामिल करें। इसके लिए अधिक से अधिक हरी—सब्जियां, सभी रंगों के फल को तो शामिल करें हीं। मदिरा और धूम्रपान का सेवन न करें। साथ ही साथ व्यायाम और सैर को भी अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। जहां तक संभव को प्रोसेस्ड फूड, तेल, शक्कर आदि को कम से कम मात्रा में उपयोग करें।