Panchayati Raj Diwas 2023: हर साल 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। इस साल पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्य प्रदेश के रीवा में नौ अभियानों की शुरुआत करेंगे। इस मौके पर “समावेशी विकास” वेबसाइट और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जायेगा।
आइए जानते हैं, पंचायत संस्था के ऐतिहासिक विकास और वर्तमान पंचायती राज (Panchayati Raj) से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण और उपयोगी बातें:
1.
भारत गांवों का देश है। यहां की 65 फीसदी से अधिक आबादी आज भी गांवों में रहती है। भारत की समृद्धि का आधार अब भी गांव ही हैं। ये गांव जिस स्थानीय शासन-व्यवस्था से संचालित होते हैं, वह ईकाई है ‘पंचायत’।
2.
पंचायत की संकल्पना की पहली झलक वेदों में मिलती है। वेदों में कई गांवों को मिला कर एक ‘विश’ नामक ईकाई बनाया जाता था। इसके प्रधान को ‘विशपति’ कहते थे। यह आज के ग्राम प्रधान या मुखिया की तरह होता था।
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3.
मौर्यकालीन ग्रन्थ ‘अर्थशास्त्र’ में इसके लेखक कौटिल्य ने स्थानीय स्वशासन की विस्तार से चर्चा की है। इससे पता चलता है कि मौर्य काल में इसका स्वरुप काफी विकसित था। यूनानी यात्री मेगास्थनीज ने भी मौर्यकालीन गांवों के स्वायत्त पहलू का जिक्र अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में किया है।
4.
दक्षिण भारत में चोल राजाओं ने अपनी प्रशासनिक व्यवस्था में गांवों को लगभग पूर्ण स्वायत्तता प्रदान कर रखी थी। ग्राम स्वशासन की पूर्ण इकाई थी। ग्राम का प्रशासन ग्रामवासी स्वयं करते थे।
5.
आधुनिक काल में स्थानीय शासन को पहली बार निकाय के रूप में संगठित करने का प्रयास लॉर्ड रिपन के समय में हुआ। 1882 में रिपन ने स्थानीय शासन को एक लोकतांत्रिक ढांचा देने का प्रयास किया और निर्वाचित निकाय बनाने की दिशा में पहल की।
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6.
भारत की आजादी के संघर्ष के दिनों में ही महात्मा ने ग्राम स्वराज्य की वकालत की थी। उन्होंने जोर देकर कहा था कि ग्राम पंचायत को मजबूत बनाना सत्ता के विकेंद्रीकरण का कारगर साधन है।
7.
देश की आजादी के बाद पहली बार देश के प्रथम प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर जिले के बगधरी गांव में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की।
8.
भारतीय के संविधान के आर्टिकल 40 में ग्राम पंचायत संगठन का उल्लेख हुआ है। आर्टिकल 246 में राज्य विधानमंडल को स्थानीय स्वशासन से जुड़े विषयों पर कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
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9.
स्थानीय शासन में पंचायत के महत्त्व को देखते हुए साल 1992 में भारतीय संविधान में 73वां संशोधन किया गया और ‘पंचायत’ नाम से नौवां (IX) भाग जोड़ा गया। इस संशोधन के माध्यम से पंचायती राज (Panchayati Raj) को संवैधानिक दर्जा दिया गया और ग्रामीण विकास का दायित्व सौंपा गया।
संविधान में आर्टिकल 243-B के तहत उन राज्यों में जहां की आबादी 20 लाख से कम है, को छोड़कर ग्राम, प्रखंड/तालुका/मंडल और जिला स्तर पर पंचायत की त्रि-स्तरीय व्यवस्था लागू की गई है। इसमें सभी वर्गों और समुदायों के लिए समुचित आरक्षण की व्यव्यथा भी है.
10.
साल 2010 में 24 अप्रैल को पहली बार राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया। तब से हर साल यह दिवस मनाया जाता है, जो कि वास्तव में 1992 में संविधान के 73वें संशोधन के अधिनियमन का प्रतीक है। इस साल देश में 13वां राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (Panchayati Raj Diwas 2023) मनाया जाएगा।
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