Nagar Panchayat Chunav 2021: अप्रैल में हो सकते हैं पंचायत चुनाव, तीन चरणों में होगी वोटिंग, जानें कैसी है तैयारी…

भोपाल। प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव लगातार टल रहे हैं। पिछले एक साल से इन चुनावों को आयोजित नहीं किया जा रहा है। अब एक बार फिर नगरीय निकाय चुनाव कोरोना संक्रमण के चलते टलने के आसार दिख रहे हैं। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावों की पूरी तैयारी कर ली है। हाईकोर्ट ने भी जल्द चुनाव कराने की बात कही है। इसी को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं। अप्रैल माह में राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनावों को करा सकता है।
इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद पंचायत सदस्यों का चुनाव ईवीएम मशीन के जरिए किया जा रहा है। वहीं, पंच-सरपंच का चुनाव वेलेट पेपेर के माध्यम से कराया जाएगा। इसको लेकर आयोग ने पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, विकासखंडवार पंचायत चुनाव का व्यवस्थित कार्यक्रम तैयार कर जिले के कलेक्टर्स को भेज दिया गया है। इसके बाद जो भी कमियां और परेशानियां होंगी उन्हें ठीक किया जाएगा। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कलेक्टर्स से भी सुझाव मांगा है। आयोग ने कहा है कि जिलों से प्रस्तावित संशोधन और अन्य जानकारी 15 मार्च तक अनिवार्य रूप से भेजें। हालांकि ग्वालियर हाईकोर्ट के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने भी निकाय चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया को लेकर दायर याचिका पर स्टे दे दिया है। इससे पहले हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने 2 नगर निगम समेत 81 निकायों के महापौर-अध्यक्ष पद के आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी कयास लगाए लगाए जा रहे हैं कि पंचायत चुनाव अप्रैल माह में आयोजित किए जा सकते हैं।
तीन चरणों में होगा चुनाव…
बता दें कि यह चुनाव तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश में कुल 23,912 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से पहले चरण में 7527 पंचायतों के लिए चुनाव आयोजित किए जाएंगे। वहीं दूसरे चरण में 7571 ग्राम पंचायतों पर मतदान किया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में 8814 ग्राम पंचायतों पर वोटिंग कराई जाएगी। बता दें कि 12 जिलों में जिला पंचायत के वार्डों का युक्तिसंगत परिसीमन कराया जा चुका है। इस हिसाब से 12 जिलों में चरणवार फिर से व्यवस्थित करने पर ईवीएम मशीन पर्याप्त संख्या में हैं। हालांकि निवाड़ी और टीकमगढ़ जिलों के चरणवार विकासखंडों के समूह फिर से व्यवस्थित कराए गए हैं। बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की पूरी तैयारियां कर चुका है। वहीं नगरीय निकाय चुनावों पर एक बार फिर कोरोना का संकट मंडराने लगा है। ऐसे में संभव है नगरीय निकाय चुनाव टाले भी जा सकते हैं।