नई दिल्ली। हिंदु धर्म में पंचकों Panchak Oct 2022 का विशेष महत्व होता है। panchak किसी भी शुभ काम को करने के पहले पंचक का ध्यान रखा जाता है। इस महीनें पंचकों की शुरूआत 6 अक्टूबर यानि आज से हो गई है। जो 10 अक्टूबर तक चलेंगे। अगर आप भी कोई शुभ काम शुरू करना चाहते हैं तो आपको इसकी तिथियों का ध्यान रखना जरूरी है। आप भी जान लें पंचकों के बारे क्या कहते हैं ज्योतिष।
हिन्दू धर्म में जब भी किसी शुभ Panchak 2022 काम की शुरूआत की जाती है तो panchak August 2022 उस दौरान शुभ मुहूर्त raksha bandhan panchak 2022 देखे जाते हैं। लेकिन इससे ज्यादा देखा astrology जाता है पंचक। mp hindi news जी हां पंचकों में किसी भी religion शुभ काम की मनाही होती है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक किसी कार्य को करने से पहले शुभता और अशुभता का विशेष ख्याल रखा जाता है। इसके लिए पंचांग के माध्यम से शुभ समय और तिथि को जानने की परंपरा है। पंचांग के अनुसार जिस समय के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मना किया गया है।
क्या कहलाते हैं पंचक –
आपको बता दें शुभ कामों के लिए जब मुहर्त देखे जाते हैं उनमें पंचक भी शामिल हैं। पंचक वह समय है चंद्रमा के कुंभ और मीन राशि में होने के दौरान लगता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान किए गए कार्य का प्रभाव पांच गुना बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान किए गए दुष्प्रभाव से बचने के लिए पंचक कोई भी शुभ कार्य करने से बचने के लिए सलाह दी जाती है।
कितने प्रकार का होता है पंचक
पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता हैण् जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंकच को मृत्यु पंचक कहा जाता हैण्
पंचक में नहीं किए जाते ये पांच काम
जिस पंचक के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही हैए उसमें पांच कार्य भूलकर भी नहीं किए जाने चाहिए। पंचक में लकड़ी घर में लाना या फिर उससे बने सामान खरीदना। चारपाई बुनना, घर की छत ढलवाना, दक्षिण दिशा की यात्रा करना और घर को पेंट आदि करवाना सख्त मना है।
पंचक का उपाय
हिंदू धर्म में किसी मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के समय पंचक पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यदि किसी की मृत्यु पंचक के दौरान होती है तो इस दोष को दूर करने के लिए बाकायदा शांति कराई जाती है। इसके लिए शव के साथ आटे से बने पांच पुतले अर्थी पर रखकर पूरे विधि.विधान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पंचक दोष दूर हो जाता है।
अक्टूबर 2022 में पंचक
अक्टूबर के महीने में पंचक की शुरुआत 06 अक्टूबर होगी और यह 10 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगा।
नवंबर 2022 में पंचक
नवंबर के महीने में पंचक 02 नवंबर 2022 से शुरू होकर 07 नवम्बर 2022 तक रहेगा। इसके बाद नवंबर में एक बार फिर 29 नवम्बर 2022 को पंचक की शुरुआत होगी और यह अगले महीने 04 दिसंबर 2022 को जाकर समाप्त होगा।
दिसंबर 2022 में पंचक
इस साल दिसंबर के महीने में पंचक 27 दिसंबर 2022 को शुरु होकर 31 दिसंबर 2022 तक रहेगाण् इस दौरान उन सभी कार्यों को करने से बचना चाहिए जो पंचक में निषेध माने गए हैं। गौर तलक है पंचक पांच दिन के होते हैं इस दौरान शुभ कामों की मनाही होती है। कोई भी शुभ काम हो, उसे करने से पहले हम मुहूर्त जरूर देखते हैं। हिन्दू धर्म में पंचक का भी बहुत महत्व है। इसलिए इस दौरान आपको कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
सबसे अशुभ माने जाते हैं मृत्यु पंचक —
आपको बता दें वैसे तो सभी पंचक अशुभ होते हैं लेकिन जिस महीने का पंचक शनिवार से शुरू होता है उस महीने ये मृत्यु पंचक होता है। इन्हें सबसे ज्यादा अशुभ पंचक माना जाता है। आपको बता दें इस दौरान बहुत ज्यादा सावधानी रखने की आवश्यकता होती है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस बार 18 जून से ये मृत्यु पंचक शुरू होकर 23 जून तक चलें। इस दौरान शुभ कार्य करने और खरीदारी की मनाही है।
पंचक से जुड़े जरूरी नियम –
पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।
यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।
आखिर क्या होते हैं पंचक —
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है। रावण की मृत्यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्यों की या तो मृत्यु हो जाती है या उन्हें मृत्यु जैसा कष्ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
साल 2022 के पंचक
अक्टूबर 2022- 6 अक्टूबर, गुरुवार से 10 अक्टूबर, सोमवार तक
नवंबर 2022- 2 नवंबर, बुधवार से 6 नवंबर, रविवार तक
दिसंबर 2022- 26 दिसंबर, सोमवार से 31 दिसंबर, शनिवार तक
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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