पेशावर, छह जनवरी (भाषा) पाकिस्तान के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने इसके अध्यक्ष चेलाराम केवलानी के नेतृत्व में खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में भीड़ द्वारा पिछले सप्ताह तोड़े गए और जलाए गए हिन्दू मंदिर का दौरा किया।
आयोग ने नष्ट किए गए मंदिर का ऐसे समय दौरा किया है जब पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने एक दिन पहले मंगलवार को ‘इवैक्यूई प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड’ को मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करने का आदेश दिया तथा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे इसके निर्माण में लगने वाला धन मंदिर को नष्ट करनेवालों से वसूल करें क्योंकि इस घटना से पाकिस्तान को ‘‘अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी’’ का सामना करना पड़ा है।
खैबर पख्तूनख्वा में कराक जिले के टेरी गांव स्थित मंदिर को पिछले सप्ताह कट्टरपंथी जमीयत उलेमा ए इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के सदस्यों ने नष्ट कर दिया था जिसकी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी।
प्रतिनिधिमंडल ने भीड़ के हमले में नष्ट हुए सदी पुराने मंदिर के विभिन्न हिस्सों को देखा।
केवलानी ने मीडिया से कहा कि कुछ शरारती तत्व निहित स्वार्थों के लिए पाकिस्तान को तथा कराक जिले के लोगों बदनाम करना चाहते हैं।
आयोग ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और सरकार से मंदिर का पुनर्निर्माण करने की मांग की।
मंदिर पर तब हमला किया गया जब हिन्दू समुदाय को स्थानीय अधिकारियों ने इसकी दशकों पुरानी इमारत के नवीनीकरण की अनुमति दे दी। भीड़ ने मंदिर के नवनिर्मित ढांचे के साथ ही पुराने ढांचे को भी नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान में चरमपंथियों द्वारा हिन्दुओं को परेशान किए जाने की खबरें प्राय: आती रहती हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान में लगभग 75 लाख हिन्दू रहते हैं। हालांकि समुदाय के अनुसार देश में 90 लाख से अधिक हिन्दू रहते हैं।
पाकिस्तान में ज्यादातर हिन्दू सिंध प्रांत में रहते हैं।
भाषा
नेत्रपाल माधव
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