Pakadwa Vivah in Bihar: बिहार के पकड़ौआ विवाह से कौन परिचित नहीं है। ये अजीबो गरीब परंपरा बिहार के लड़कों के लिए बड़ी परेशानी का सबब है। इसी अजीब विवाह परंपरा को लेकर एक लेटर सामने आया है, जिसके माध्यम से कार्यक्रम जिला पदाधिकारी (DPO) कुछ शिक्षकों से पकड़ौआ विवाह पर उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा जा रहा है। आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
कार्यक्रम जिला पदाधिकारी ने लिखा लेटर
आपको बता दें पूरा मामला बिहार के अररिया क्षेत्र का है। जहां रविरंजन कार्यक्रम जिला पदाधिकारी ने चार लोगों से पकड़ौआ विवाह को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। लेटर में उन्होंने राजकिशोर, शाहीन परवीन, लक्ष्मण और जहां आरा से
पूरा मामला बिहार के अररिया क्षेत्र का है। जहां एक सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक आशीष गौरव ने जिला कार्यक्रम अधिकारी रविरंजन से शिकायत की है, कि चार शिक्षकों सहित गांव के कुछ लोग उनका पकड़ौआ विवाह कराने के पीछे पड़े हैं।
इस शिकायत को लेकर रविरंजन कार्यक्रम जिला पदाधिकारी ने इन चार शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
इसमें उन्होंने राजकिशोर, शाहीन परवीन, लक्ष्मण और जहां आरा से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो इस पर उन पर कानूनी कार्रवाई करने की बात अधिकारी बात कही गई है।
क्या है पकड़ौआ विवाह
असल रूप में इसमें लड़के का किडनैप करके उसे डरा-धमकाकर जबरदस्ती कर, बिना लड़के की मर्जी के शादी करा दी जाती है। बिहार में पकड़ौआ विवाह (Pakadwa Vivah Ritul) का इतिहास 1980 के दशक के बाद से माना जाता हैं रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80 के दशक के बाद बिहार के बेगूसराय जिले में पकड़ौआ विवाह का चलन सबसे ज्यादा था।
पकड़ौआ विवाह में किन लड़कों को पकड़ा जाता है
ऐसा कहा जाता है कि इसमें ज्यादातर नौकरीपेशा लड़कों को पकड़ा जाता है। इसमें कई केस तो ऐसे आए हैं जब पुलिस में नौकरी करने वालों का भी अपहरण कर किया गया है। कुछ दिनों पहले रवि कांत नाम के लड़के के साथ भी ऐसा ही हुआ था।
रवि कांत भारतीय सेना में कॉन्स्टेबल था। इसके पहले आईपीएस (IPC) अधिकारी शिवदीप लांडे के बॉडीगार्ड को अगवा कर विवाह कराया गया था। हालांकि बाद में मुसीबत में पड़ता देख उसे छोड़ दिया गया था।
क्यों किया जाता है पकड़ौआ विवाह
ऐसा कहा जाता है कि पकड़ौआ विवाह (Pakadwa Vivah) दहेज के विरोध का एक तरीका है। बिहार में इस तरह की शादी को ‘पकड़ौआ विवाह’ (pakadwa Vivah in Hindi) कहा जाता है। बिहार में ये प्रथा दशकों से जारी है। बिहार की इस प्रथा पर कई फिल्में और टीवी सीरियल भी बन चुके हैं।
पकड़ौआ विवाह पर क्या कहते हैं आंकड़े?
पकड़ौआ विवाह को वैसे तो अवैध है, लेकिन बिहार में ये प्रथा आज भी प्रचलित है। इसे लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के बीते साल के आंकड़े बताते हैं कि पकड़ौआ विवाह के मामले कम होने की बजाय बढ़े हैं।
बीते नौ साल में 24, 497 लड़कों का पकड़ौआ विवाह
2015 में शादी के लिए तीन हजार से ज्यादा
2016 में 3075
2017 में 3405
2018 में 4317
2019 में 4498
2020 में 2695
2021 में देशभर में 18 से 30 साल के 3,507 पुरुषों का अपहरण किया गया। इनमें से 597 अकेले बिहार के थे।
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