हाइलाइट्स
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जशपुर के जागेश्वर यादव को मिला पद्मश्री पुरस्कार
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बिरहोर समाज के लिए दशकों से काम कर रहे हैं जागेश्वर
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पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए काम किया
Padma Awards 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में जशपुर के जागेश्वर यादव को पद्मश्री पुरस्कार दिया. प्रदेश के अति पिछड़ी जनजाति मानी जाने वाली बिरहोर समाज के लिए जागेश्वर दशकों से काम कर रहे हैं. जागेश्वर जशपुर के ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जशपुर के जागेश्वर यादव को बिरहोर के भाई के रूप में प्रसिद्धि मिली है. उन्होंने आदिवासी कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया. जागेश्वर यादव ने जशपुर में आश्रम की स्थापना की. इसके साथ ही उन्होंने निरक्षरता उन्मूलन व स्वास्थ्य सेवा के मानकों को बेहतर बनाने का काम किया है.
सीएम साय से नंगे पांव मिलने पहुंचे थे जागेश्वर
जागेश्वर यादव ने पिछड़ी जनजाति के शिक्षा के लिए विशेष रूप से काम किया है. इस काम में उन्हें सीएम विष्णुदेव साय का भी सहयोग मिला है. बता दें कि जब साय छत्तीसगढ़ के सीएम बने तो जागेश्वर उनसे मिलने नंगे पांव ही राज्य अतिथि गृह पहुंचे। थे. सीएम ने उन्हें दूर से देखते साथ आवाज लगाई कि ‘ऊहां कहां खड़े हस, ऐती आ’. दरअसल, जागेश्वर और सीएम साय के बीच मुलाकात बिरहोर जनजाति की वजह से हुई.
जागेश्वर महकुल यादव जाति के हैं. अपने युवावस्था के दौरान जब वे पहली बार बिरहोर जनजाति के संपर्क में आए तो इस पिछड़ी जनजाति की स्थिति ने उन्हें काफी दुखी कर दिया. इसके बाद वे दुनियादारी से अलग हो गए. जागेश्वर के पास शिक्षा नहीं थी. वे इतने गरीब थे कि झोपड़ी में रहते थे. लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि अपना पूरा जीवन बिरहोर जनजाति के सुधार में लगाऊंगा.
सीएम साय के सहयोग से खोले थे आश्रम
इस बड़े मिशन के लिए लिए उन्होंने अपनी ही तरह के संवेदनशील लोगों से जुड़ना शुरू किया. इसी को लेकर वे तत्कालीन सांसद विष्णु देव साय के संपर्क में आए. सांसद ने उन्हें पूरे सहयोग के लिए भोरास दिया. इसके बाद सांसद साय के सहयोग से उन्होंने भीतघरा और धरमजयगढ़ में आश्रम खोले. शुरूआत में लोग आश्रम से अपने बच्चों को घर ले जाया करते थे, लेकिन जब पहली पीढ़ी के बच्चे आश्रम में पढ़कर निकले और उनके जीवन में सुखद बदलाव हुआ, तो बिरहोरों ने अपने बच्चों को उस आश्रम में भेजना शुरू किया. इस गौरवमयी उपलब्धि के लिए जागेश्वर यादव को राज्य अलंकरण समारोह में शहीद वीर नारायण सिंह पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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