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भोपाल। मप्र की बिजली कंपनियों के आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced Electricity Workers) को सरकार ने बड़ी सौगात दी है। सरकार बिजली कर्मचारियों को हर साल ₹7000 रूपए का बोनस (Bonus) देगी। बोनस का भुगतान कांट्रेक्टर्स “द पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट-1965” के तहत महीने के आधार पर किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने सरकार के इस फैसले की जानकारी दी है।
मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक 'बिजली कम्पनियों में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को हर साल 7 हजार रुपये तक का बोनस दिया जाएगा। बोनस का भुगतान कांट्रेक्टर “द पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट-1965” के तहत करेंगे। वहीं उन्होंने आगे बताया कि प्रमाण-पत्र देने पर विद्युत कम्पनी बोनस का भुगतान करेंगी।
मुझे यह कहते हुए बड़ी खुशी है कि बिजली कम्पनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को प्रति वर्ष 7 हजार रुपये तक का बोनस दिया जायेगा। हमारे कांट्रेक्टर्स यह राशि देंगे। शासन स्तर पर आदेश जारी कर दिए गए हैं : ऊर्जा मंत्री श्री @PradhumanGwl#JansamparkMPpic.twitter.com/M9BgpFaOA2
— Energy Department, MP (@Energy_MPME) March 29, 2022
ये होगा फॉर्मूला
मध्य प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में करीब 35000 आउट सोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन आउटसोर्स कर्मचारियों को बोनस देने के लिए सरकार की तरफ एक फॉर्मूला तैयार किया गया है। जिसके तहत कर्मचारियों को बोनस दिया जाएगा। आउटसोर्स कर्मचारी के कुल वेतन का 8.33 प्रतिशत और अधिकतम 7 हजार रुपये तक हर साल दिया जाएगा.
इनको मिलेगा लाभ
इस बोनस वाली योजना में में शर्त ये है कि बोनस का लाभ सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी सैलरी 21 हजार प्रति माह से अधिक न हो। इस बोनस राशि पर सर्विस चार्जेस, ईपीएफ और ईएसआईसी नहीं देना होगा।
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