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Osteoporosis symptoms: महिलाओं के शरीर में 30 के बाद कई बदलाव आने लगते हैं। खासकर आपकी हड्डियों में कमजोरी आना सबसे आम बदलाव है। महिलाओं के 30 साल पार करने के साथ ही धीरे-धीरे बोन डेंसिटी कम होने लगती है। बोन डेंसिटी कम होने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क भी बढ़ जाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस(Osteoporosis) को साइलेंट डिजीज (Silent disease) भी कहा जाता है। इसमें आपकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। आमतौर पर महिलाएं मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस से प्रभावित होती हैं। मेनोपॉज (Menopause) में महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इससे उनकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। महिलाओं का ऑस्टियोपोरोसिस क्या है और इसके लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है।
21 प्रतिशत महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से प्रभावित
इंटरनेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुसार दुनियाभर में 21.2 प्रतिशत 50 की उम्र वाली महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से प्रभावित हैं। वहीं इसी एज ग्रुप में 6.3 प्रतिशत पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस है। ये समस्या समय के साथ बढ़ती है। डॉक्टर्स ऑस्टियोपोरोसिस को डाइग्नोस करने के लिए डेक्सा स्कैन का इस्तेमाल करते हैं। कमजोर हड्डियों के कुछ लक्षणों में से एक आसानी से हड्डियों में फ्रैक्चर होना है। साथ ही आप अचानक से गिर भी सकते हैं।
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ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
आपकी हड्डियां कोलेजन और कैल्शियम से बनी होती हैं। महिलाओं में 30 की उम्र के बाद हॉर्मोनल बदलावों के चलते कोलेजन और कैल्शियम तेजी से कम होने लगता है। इससे महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कुछ खास लक्षणों के बारे में जानें-
- ऑस्टियोपोरोसिस से आपकी हड्डियों में फ्रैक्चर आने की संभावना बढ़ जाती है। आमतौर पर हिप, कलाई और स्पाइन में फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है। आपको बिना गिरे ही वर्टेब्रल फ्रैक्चर हो सकता है। वर्टेब्रल फ्रैक्चर में आपको अचानक से पीठ दर्द उठता है।
- कमजोर हड्डियों के कारण वर्टेब्रे में कम्प्रेशन फ्रैक्चर से आपकी हाइट कम होने लगती है। ये स्पाइनल ऑस्टियोपोरोसिस का लक्षण होता है।
- काइफोसिस यानी कुबड़ापन भी ऑस्टियोपोरोसिस का लक्षण है। आपकी रीढ़ की हड्डी में एक से ज्यादा कम्प्रेशन फ्रैक्चर होने से आपकी पीठ में कुबड़ापन आ जाता है।
- रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होने के कारण आपको पीठ में बहुत तेज दर्द होता है। ये दर्द आपकी दिनचर्या में परेशानी कारण बनता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस का एक लक्षण बोन मिनरल डेंसिटी (BMD) में कमी है। BMD को डेक्सा स्कैन (DEXA scan) के जरिए मापा जाता है।
- खून और यूरिन से हड्डियों के बायोकेमिकल मारकर का पता चलता है। बढ़ा हुआ सी-टर्मिनल टैलोपेप्टाइड और ऑस्टियोसिन में कमी हड्डियों की कमजोरी को दिखाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस से करें बचाव
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए आपकी डाइट में कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और अन्य मिनरल जैसे मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन के शामिल होना बहुत जरूरी है। मजबूत हड्डियों के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल होना और नियमित एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। आइये ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए अपनी डाइट में क्या लें जानें-
दही
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दही कैल्शियम और विटामिन डी का बेहतरीन स्त्रोत है। 100 ग्राम दही में 3.5 ग्राम प्रोटीन, 0.1 mcg विटामिन डी और 121 mg कैल्शियम होता है।
दूध
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दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स में कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन होता है। 100 g दूध में 3.2 g प्रोटीन, 1.3 mcg विटामिन डी और 113 mg कैल्शियम होता है।
चीज़
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चीज़ में कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा सोर्स है। 100 ग्राम चीज़ में 23 ग्राम प्रोटीन, 0.6 mcg विटामिन डी और 710 mg कैल्शियम होता है।
पालक
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पालक में कैल्शियम और विटामिन होते हैं जो हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं। 100g पालक में 3g प्रोटीन और 136 mg कैल्शियम होता है।
अनाज
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अनाज जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा, दालें आदि में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी होता है। 100g अनाज में 12g प्रोटीन, 3.4 mcg विटामिन डी और 401mg कैल्शियम होता है।
ऑरेंज जूस
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संतरा के जूस में कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है। 100 g फोर्टीफाइड ऑरेंज जूस में 100 mg कैल्शियम होता है।
सोयाबीन
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सोयाबीन या सोया प्रोडक्ट्स कैल्शियम का बेहतरीन स्त्रोत है। 100 ग्राम सोया प्रोडक्ट में 36.4g प्रोटीन और 277mg कैल्शियम होता है।
नट्स
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नट्स में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। 100 ग्राम नट्स में 21.2 ग्राम प्रोटीन और 264mg कैल्शियम होता है।
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