Chhattisgarh Jio Mart Raid: छत्तीसगढ़ कोरबा में त्यौहारी सीजन के चलते खाद्य औषधि प्रशासन विभाग ने छापामार कार्रवाई की है। टीम ने क्षेत्र के जियो मार्ट समेत कई दुकानों पर दबिश दी। जहां से खाद्य सामग्री के सैंपल लिए थे। जांच के दौरान जिओमार्ट का ऑर्गेनिक बेसन का नमून फेल हो गया है। इसी तरह अन्य दुकानों की खाद्य सामग्री के नमूने भी फेल हुए हैं। विभाग के द्वारा संबंधितों पर एक्शन की कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश में इस समय नवरात्रि पर्व की धूम है। वहीं इसी महीने के आखिरी (Chhattisgarh Jio Mart Raid) में दीपावली त्यौहार है। इसको लेकर व्यापारियों के द्वारा तैयारियां की जा रही है। दुकानों में खाद्य सामग्री का स्टॉक भी होने लगा है। वहीं मिठाई समेत अन्य सामान की अभी से तैयारियां की जा रही है। ऐसे में जिओमार्ट की खाद्य सामग्री के फेल होने इलाके के लोगों में हड़कंप है।
शिकायतों के बाद विभाग की टीम कर रही जांच
त्यौहारी सीजन (Chhattisgarh Jio Mart Raid) में बड़ी मात्रा में लोगों के द्वारा खरीदी की जाती है। एउेसे में ब्रांड के साथ-साथ सामान्य किराना-मिठाई दुकानों में खाद्य सामग्री में मिलावट की जाती है। इसको लेकर शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं।
शिकायत (Chhattisgarh Jio Mart Raid) पर खाद्य औषधि प्रशासन विभाग के द्वारा कार्रवाई की जा रही है। वहीं पहले भी कई सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। विभाग की टीम मिठाई से लेकर आटा, बेसन, मैदा, तेल समेत अन्य सामग्री की जांच कर रही है।
जल्द की जाएगी आगे की कार्रवाई
खाद्य औषधि प्रशासन (Chhattisgarh Jio Mart Raid) विभाग अधिकारी विकास भगत ने जानकारी दी कि पहले जो सैंपल लिए गए थे, उसकी जांच रिपोर्ट आई है। इस जांच रिपोर्ट में जिओमार्ट के ऑर्गेनिक बेसन का सैंपल फेल हुआ है। इसके अलावा अन्य दुकानों के नमूने भी फेल हुए हैं। जिन पर आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। शीघ्र ही संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
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बिना अनुमति के चल रही फैक्ट्री
जानकारी के अनुसार कोरबा जिले में खाद्य सामग्री (Chhattisgarh Jio Mart Raid) निर्माण के लिए कई फैक्ट्री चल रही है। इनमें से कई फैक्ट्री ऐसी भी संचालित है, जिनके पास लाइसेंस ही नहीं है, ये बिना अनुमति के ही चल रही है। इस तरह के शहर में कई नमकीन की फैक्ट्री हैं, जहां नियमों को तांक पर रखकर धड़ल्ले से खाद्य सामग्री बनाई जा रही है।
इतना ही नहीं प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर कई कैफे संचालित हो रहे है, जिनके पास लाइसेंस नहीं है। ऐसे में यहां खाद्य सामग्री निम्न् क्वालिटी की होने की शिकायतें भी मिली है, लेकिन प्रशासन के द्वारा कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया जा रहा है। इससे मिलावटखोरी का धंधा बढ़ता जा रहा है।
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