नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड को खानपुर और खिड़की गांवों में डिफेंस सर्विसेज एन्क्लेव में जलापूर्ति के लिये नौ महीने में योजना बनाने का निर्देश दिया। अदालत के इस आदेश से उन सेवानिवृत सैनिकों, पूर्व अधिकारियों, युद्ध में विधवा हुईं महिलाओं और सशस्त्र बलों के कर्मियों को राहत मिली है, जिन्हें 1970 में यहां भूमि आवंटित की गई थी।
अदालत ने कहा कि ”पेयजल जीवन का एक मौलिक अधिकार है” और निवासियों को महज यह कहकर इससे वंचित नहीं किया जा सकता कि यह एक अनधिकृत कॉलोनी है।
फिलहाल कॉलोनी में अंतरिम व्यवस्था के तहत लगाए गए चार ट्यूब वेल के जरिये पानी की जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। याचिका के अनुसार बाद में बिजली की आपूर्ति की गई है।
अदालत ने रक्षा मंत्रालय के सचिव को समिति गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें शहरी विकास मंत्रालय के प्रतिनिधियों और दिल्ली के मुख्य सचिव को शामिल किया जा सकता है। यह समिति चार महीने के अंदर डिफेंस सर्विसेज एन्क्लेव को नियमित कॉलोनी का दर्जा देने के संबंध में फैसला लेगी ।
न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने पिछले 50 साल से एन्क्लेव में रह रहे 54 लोगों की ओर से दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिन्हें इसलिये पानी और सीवेज कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं क्योंकि यह अनधिकृत कॉलोनी है।
भाषा जोहेब माधव
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