भोपाल। कैंसल का नाम सुनते ही लोगों का दिमाग सुन्न हो जाता है। ऐसे में यदि ये कैंसर आंखों का हो, तब तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। पर प्रदेश के एम्स में एक ऐसा काम किया है जिसनें लोगों की इस टेंशन को कुछ हद तक कम कर दिया है। दरअसल राजधानी एम्स में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। जिसमें आर्बिटल कैंसर यानि आंखों के कैंसर से पीड़ित व्यक्ति का लास्ट स्टेज पर सफल आपरेशन किया गया।
चार विभागों के विशेषज्ञ, 9 घंटे का आपरेशन —
आपको बता दें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में बुधवार को राइट आर्बिटल कैंसर (आंखों के अंदर का कैंसर) की एक्स्टेंसिव एंड क्यूरेटिव स्कल बेस कैंसर सर्जरी मध्यप्रदेश में पहली बार की गई है। जिसमें 60 साल के मरीज का को बचाने के लिए चार विभागों के विशेषज्ञों 9 घंटे तक आपरेशन करते रहे। आपरेशन सुबह 8 बजे शुरू हुआ। जो शाम 5 बजे तक चला। 9 घंटे के सफल आपरेशन के बाद हालांकि मरीज को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है। जिसके बाद उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अब लगेगी दूसरी आंख —
मरीज को आंख का कैंसर होने के कारण। उसकी आंख को निकाल दिया गया है। जिसके बाद अब नेत्र विशेषज्ञों की सलाह पर नकली आंख लगाई जाएगी। जिसके बाद उसका चेहरा सामान्य दिखने लगेगा।
इन विशेषज्ञों ने आपरेशन को बनाया सफल —
9 घंटे तक चले इस आपरेशन में चार विभागों कि टीम में सर्जिकल आंकोलाजिस्ट डा. विनय कुमार, न्यूरोसर्जन डा. आदेश श्रीवास्तव, प्लास्टिक सर्जन डा. गौरव चतुर्वेदी और एनेस्थेटिस्ट में डा. हर्ष मौजूद रहे। एम्स के पीआरओ डा. केवल कृष्ण द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक इस तरह कि एडवांस कैंसर सर्जरी अब भोपाल एम्स में संभव होगी। एम्स के चिकित्सक लास्ट स्टेज कैंसर के मरीजों के लिए सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं एम्स में मिल सकेंगी। यह क्यूरेटिव सर्जरी अपने आप में एक अनूठी सर्जरी है।
प्रदेश में पहली बार ऐसी सर्जरी
चिकित्सकों की मानें तो आर्बिटल कैंसर (आंखों के कैंसर) की ये पहली ऐसी सफल सर्जरी है। जिसे मरीज के अंतिम चरण में किया गया है। चूंकि ये कैंसर आंखों के अलावा धीरे—धीरे पूरे शरीर में फैल रहा था इसलिए इस आपरेशन की जरूरत अधिक थी। प्रदेश में इस तरह कि सफल सर्जरी पहली बार की गई है। इस सर्जरी के बाद कैंसर के अंतिम चरण के कैंसर के मरीजों का भी उपचार हो सकेगा।