Online Land Record: प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए अब रजिस्ट्र प्रोसेस और ज्यादा सुविधाजनक होने वाली है. इसकी शुरूआत भोपाल से हो रही है. अब घर बैठे बिना गवाहों के भी डॉक्यूमेंट का पंजीयन भी होगा. तहसील से जुड़े मामलों में आवेदन और शिकायत की सुविधा मोबाइल एप और ऑनलाइन पोर्टल पर मिलेगी. इसके बाद रिजस्ट्री कराना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही नगर तथा ग्राम निवेश में किसी भी जमीन का ले-आउट मंजूर कराने की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी.
रजिस्ट्री के लिए तैयार किया जा रहा नया सॉफ्टवेयर
रजिस्ट्री के लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. इस सॉफ्टवेयर में ग्राहकों को मिलेंगी. नई व्यवस्था के तहत ई-पंजीयन से ई-वेरिफिकेशन किया जाएगा. डॉक्यूमेंट का ऑनलाइन पोर्टल पर ही पंजीयन हो जाएगा. इसके लिए गवाहों की जरूरत नहीं होगी. इसके साथ ही नामांतरण के लिए इससे लिंक रहेगा.
सॉफ्टवेयर में होंगा सभी राजस्व मामलों का डेटा
सॉफ्टवेयर को सायबर तहसील में आरसीएमएस पोर्टल पर तहसील के सभी राजस्व मामलों को अपलोड किया जा रहा है. ऑनलाइन नामांतरण, खसरा के क्रय-विक्रय से संबंधित नामांतरणों के प्रकरणों का यहीं से निराकरण की किया जा सकता है. साइबर तहसील को संपदा, भूलेख पोर्टल, राजस्व प्रकरण प्रबंधन पोर्टल से भी जोड़ा जा रहा है. ताकि लोगों को प्रॉपर्टी के काम के लिए बार बार तहसील कार्यालय के चक्कर न काटने पड़ें.
पटवारी की भूमिका होगी खत्म
राजस्व पोर्टल पर रियल टाइम भू अभिलेख अपडेट होने के बाद अब पटवारी की भूमिका कम हो जाएगी. इसके साथ ही अब सात से पंद्रह दिन में क्रय-विक्रय, भूलेख संबंधी शिकायतों और आवेदनों का निराकरण हो सकेगा. ऑनलाइन पोर्टल पर मामलों की तहसीलदार से लेकर एसडीएम, एडीएम व कलेक्टर कोर्ट में तारीख और स्थिति क्या है या ऑर्डर को देखा जा सकेगा.
सॉफ्टवेयर में मिलेगी ये सुविधा
टीएंडसीपी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित पोर्टल पर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गयी है। लैंड रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर से इसे जोड़ा गया है, जिससे जमीन का खसरा नंबर दर्ज करते ही उसका मौजूदा उपयोग, जीआइएस स्टेटस और अन्य बकाया पता चल जाता है.