Eye Drop: भारत में बनी आई ड्रॉप से अमेरिका में एक की मौत, 3 लोगों ने खोई रोशनी, कंपनी ने वापस मंगवाई दवाई

Eye Drop: भारत में बनी आई ड्रॉप से अमेरिका में एक की मौत, 3 लोगों ने खोई रोशनी, कंपनी ने वापस मंगवाई दवाई

Eye Drop: एक भारतीय दवा कंपनी ने अमेरिकी बाजार से आई ड्रॉप की एक खेप को वापस बुला लिया है। कारण है इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से 1 की जान जाने के साथ 55 लोगों के इन्फेक्शन से पीड़ित होना है। इसके अलावा इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल के कारण 3 लोगों की आंखों की रोशनी जाने की बात भी कही जा रही है।

ड्रॉप का इस्तेमाल तुंरत बंद कर दें

दरअसल, अमेरिका की सेंटर फॉर डीजीड कंट्रोल एंड प्रिवेंन (सीडीसी) ने लोगों से अपील की है कि वह इस आई ड्रॉप का इस्तेमाल तुंरत बंद कर दें। भारत में बनी इस दवा को एक खास तरह के इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस दवा के इन्फेक्शन से अब तक 55 लोग पीड़ित हैं और एक की मौत की भी खबर है। जबकि इनमें शामिल 3 लोगों ने अपने आंखों की रोशनी हमेशा के लिए खो दी। इस आई ड्रॉप का नाम एजरीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स है।

इस दवा को चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा बनाया गया है। सीडीसी इस आई ड्रॉप की बंद बोतलों की जांच कर रही है। वहीं ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर कहा है कि वह इस उत्पाद के वितरकों एजरीकेयर एलएलसी- और डेलसम फार्मा से इस आई ड्रॉप को बाजार से वापस मंगाने और इसका इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध किया है। कंपनी ने इस दवा के इस्तेमाल पर किसी तरह की परेशानी होने पर लोगों से डॉक्टरों से संपर्क करने को भी कहा है।

अमेरिका के 12 राज्यों में फैला इन्फेक्शन

सीडीसी के मुताबिक ये इन्फेक्शन 12 राज्यों में फैला है इसका असर खून, पेशाब और फेफड़ों पर हो रहा है। कैलिफोर्निया, कोलोराडो, कनेक्टिकट, फ्लोरिडा, न्यू जर्सी, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, नेवादा, टेक्सास, यूटा, वाशिंगटन और विस्कॉन्सिन में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। आई ड्रॉप को इस्तेमाल करने के बाद वाशिंगटन में ब्लड इंफेक्शन की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई। आंखों की रोशनी खो देने वाले तीनों व्यक्ति कैलिफोर्निया और न्यूजर्सी से बताए गए हैं।

बताया जा रहा है कि अमेरिका में लोग जिस बीमारी का शिकार हो रहे हैं, वो सूडोमोनास ऑरूजिनोसा नाम के बैक्टीरिया के कारण हो रही है। जांचकर्ताओं ने भारतीय आई ड्रॉप के एजरीकेयर की खुली बोतलों में यह बैक्टीरिया मिला है। अब जांच की जा रही है कि बोतलों में मिला बैक्टीरिया ही लोगों को बीमार कर रहा है या संक्रमण कहीं और से आया है।

दवा कंपनी ने क्या कहा

एजरीकेर ने कहा है कि उन्हें ऐसे किसी सबूत की जानकारी नहीं जो संक्रमण और दवा के बीच संबंध स्थापित करता हो, लेकिन एहतियातन कंपनी ने दवा को बाजार में भेजना बंद कर दिया है। साथ ही अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस के जरिए इस आई ड्रॉप को लोगों से इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।

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