खंडवा। Pitru Paksha 2023: ओंकारेश्वर में कावेरी नदी के तट पर स्थित गया शिला नामक प्राचीन तीर्थ स्थल को मध्य प्रदेश का मोक्षस्थली माना जाता है। जहां पितृ पक्ष के दौरान लोगों की काफी अधिक भीड़ रहती है।
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व है। माना जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं। इस दौरान श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करने से दिवंगत आत्मा को शांति मिलती है और वो सुखी संतुष्ट होकर लौट जाते हैं।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी पितृ पक्ष के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पंडित दुर्गेश पचौरी के मुताबिक नर्मदा किनारे 16 दिन तक तर्पण मंडली नर्मदा के तट पर पितरों की शांति और प्रसन्न करने के लिए तर्पण करती है।
मध्य प्रदेश का मोक्षस्थली तीर्थ
कहा जाता है कि बिहार के गया जी में तर्पण करने से जो फल की प्राप्ति होती है, वही फल ओंकारेश्वर के निकट गया शिला पर पिंडदान करने से मिलता है।
भक्तों के द्वारा 108 से भी ज्यादा विभिन्न प्रकार के भोग लगाकर अपने पितरों को अर्पित किए कर उनका तर्पण करते हैं।
बता दें कि इस साल पितृ पक्ष 15 अक्टूबर तक चलेगा, इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की शांति के लिए पिंडदान करे लिए लिए विभिन्न जगहों पर जाते हैं।
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