नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के मामले धीरे-धीरे सामुदायिक स्तर पर फैल रहे हैं और राष्ट्रीय राजधानी में जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए नमूनों में से 46 प्रतिशत में ‘ओमीक्रोन’ की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि क्रमवार प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं और अतिरिक्त पाबंदियां लगाने के संबंध में निर्णय दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) करेगा।
जैन ने कहा, ‘‘ दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के 200 मरीज भर्ती हैं। जीनोम अनुक्रमण की हालिया रिपोर्ट में 46 प्रतिशत नमूनों में ‘ओमीक्रोन’ की पुष्टि हुई है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में यात्रा नहीं की थी। इसका मतलब है कि अब ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप दिल्ली के अंदर आ चुका है।’’ ‘ओमीक्रोन’ के तीसरी लहर का कारण बनने के सवाल पर मंत्री ने कहा, ‘‘ अब यह धीरे-धीरे सामुदायिक स्तर पर फैल रहा है। आने वाले दिनों में इसके मामले और बढ़ेंगे।’’
उन्होंने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के 200 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से केवल 102 ही शहर के निवासी हैं। वहीं, इनमें से 115 को सीधे हवाई अड्डे से ही अस्पताल ले जाया गया। अस्तपाल में भर्ती 115 लोगों में संक्रमण का कोई लक्षण नहीं हैं और उन्हें एहतियाती तौर पर अस्पताल में रखा गया है। अस्पताल में भर्ती किसी भी व्यक्ति को अभी तक ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को कहा था कि कई अंतरराष्ट्रीय यात्री जिनके हवाई अड्डे पर संक्रमित ना होने की पुष्टि हुई थी, वे भी कुछ दिन बाद संक्रमित पाए जा रहे हैं। इस अवधि के दौरान उनके परिवार के सदस्य भी संक्रमित हो रहे हैं।
जैन ने कहा, ‘‘ दिल्ली में शादियों और अंतिम संस्कार पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। स्कूल, जिम और स्पा बंद हैं। दुकाने और मॉल एक दिन छोड़कर एक दिन खुलेंगे …मेट्रो तथा बसें 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलेगी..सतर्क रहना बेहतर है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ डीडीएमए की बैठक में अतिरिक्त पाबंदियां लगाए जाने पर फैसला किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने ‘ओमीक्रोन’ के प्रकोप के दौरान वहां संक्रमण के दैनिका मामलों में वृद्धि हुई है, ‘‘लेकिन अच्छी खबर यह है कि इससे गंभीर संक्रमण नहीं होता है और बहुत कम रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है।’’
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बुधवार को फैसला किया था कि दिल्ली में ‘येलो अलर्ट’ के तहत कोविड-19 से संबंधित लगाए गए प्रतिबंध फिलहाल जारी रहेंगे और नयी पाबंदियों पर निर्णय लेने से पहले अधिकारी कुछ समय के लिए स्थिति की निगरानी करेंगे। कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के प्रसार के साथ ही संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच डीडीएमए ने मंगलवार को दिल्ली में क्रमवार प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) (जीआरएपी) के तहत ‘येलो अलर्ट’ घोषित किया था।
‘येलो’ अलर्ट के तहत रात्रि कर्फ्यू लगाना, स्कूलों तथा कॉलेजों को बंद करना, गैर आवश्यक सामान की दुकानों को सम-विषम आधार पर खोलना तथा मेट्रो ट्रेन और सार्वजनिक परिवहन की बसों में यात्रियों के बैठने की क्षमता आधी करने जैसे उपाय आते हैं। संक्रमण को प्रकोप बढ़ने पर ‘येलो अलर्ट’ के बाद, ‘एम्बर’, ‘ऑरेंज’ और फिर ‘रेड अलर्ट’ घोषित किए जाता है, जिसमें पाबंदियां और कड़ी होती जाती हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों के लिए 8,965 बिस्तर (बेड) निर्धारित किए गए हैं, जिनमें से 28 दिसंबर तक 262 यानी 2.92 प्रतिशत ही भरे थे और 97 प्रतिशत खाली थे।