Ola Electric Layoffs: भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ने अपने परिचालन लागत को कम करने के लिए 1,000 से अधिक कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। इससे पहले भी कंपनी 500 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।
किन विभागों में होगी छंटनी?
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने अपने खचों को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों और अनुबंधित श्रमिकों की छंटनी करने जा रही है। इस छंटनी (Ola Electric Layoffs) का असर खरीद (Procurement), पूर्ति श्रृंखला (Supply Chain), ग्राहक संबंध (Customer Relations) और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (Charging Infrastructure) विभागों पर पड़ेगा।
ओला इलेक्ट्रिक के छंटनी का कारण
कंपनी ने इस छंटनी को अपने लागत नियंत्रण और परिचालन दक्षता बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा बताया है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
- बढ़ता हुआ घाटा: वित्तीय तिमाही में नुकसान बढ़ने के कारण लागत में कटौती की जरूरत।
- राजस्व में गिरावट: मांग में कमी और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनी के राजस्व में भारी गिरावट।
- पुनर्गठन रणनीति: ओला इलेक्ट्रिक लाभप्रदता (Profitability) बढ़ाने और अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की कोशिश कर रही है।
- इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में प्रतिस्पर्धा: नए खिलाड़ियों की एंट्री से ओला इलेक्ट्रिक के लिए बाजार चुनौतीपूर्ण बन गया है।
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर असर
ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) की छंटनी की खबर से कंपनी के शेयरों पर भी असर पड़ा है। इसमें कंपनी के शेयरों में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 3.40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। NSE पर यह 54.90 रुपए पर बंद हुआ। पिछले छह महीनों में शेयर की कीमत 52 प्रतिशत तक गिर चुकी है। वहीं, 2024 में अब तक शेयर में 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
ओला इलेक्ट्रिक को हुआ भारी घाटा
ओला इलेक्ट्रिक को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में ₹564 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ। यह घाटा पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹376 करोड़ था, यानी 50% अधिक नुकसान।
तिमाही राजस्व में भारी गिरावट
- Q3 2023-24: ₹1,045 करोड़
- Q3 2022-23: ₹1,296 करोड़
- 19% की गिरावट दर्ज
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ओला इलेक्ट्रिक के भविष्य पर सवाल?
लगातार हो रही छंटनी और वित्तीय गिरावट से यह सवाल उठ रहा है कि क्या ओला इलेक्ट्रिक भविष्य में टिक पाएगी? विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी को बिजनेस मॉडल, उत्पादन लागत और रणनीति में बदलाव करना होगा, ताकि वह बाजार में अपनी पकड़ बनाए रख सके।
ओला इलेक्ट्रिक की छंटनी, शेयर बाजार में गिरावट और बढ़ते घाटे ने निवेशकों और कर्मचारियों को चिंता में डाल दिया है। यदि कंपनी जल्द ही अपने खर्चों और रणनीति में सुधार नहीं करती, तो उसे आने वाले समय में और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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