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ओडिशा: आम की गुठली का दालिया खाकर 2 महिलाओं की मौत, 6 हुए बीमार

Odisha: आम की गुठली से बने दालिया का सेवन करने से दो महिलाओं की मौत हो गई। महिला के पति ने आरोप लगाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात

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Ashi sharma
ओडिशा: आम की गुठली का दालिया खाकर 2 महिलाओं की मौत, 6 हुए बीमार

Odisha:ओडिशा के कंधमाल जिले में आम की गुठली से बना दालिया खाने से दो आदिवासी महिलाओं की मौत हो गई और छह लोग बीमार हो गए। उन छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी। वहीं, मृत महिला के पति का आरोप है कि उसे पिछले तीन महीने से पीडीएस के तहत चावल नहीं दिया जा रहा था। जिसके कारण उसकी पत्नी ने आम के बीज का दलिया खा लिया। दो महिलाओं में से एक, 22 वर्षीय रस्मिता पट्टामाज़ी की गजपति जिले के मोहना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौत हो गई, जहां उसका दलिया खाने के बाद इलाज चल रहा था।

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6 बीमार लोगों को अस्पताल में कराया भर्ती

29 वर्षीय रुनु माज़ी की बेरहामपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। एक चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि छह अन्य लोग, जो कथित तौर पर दलिया खाने के बाद बीमार पड़ गए हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और उनकी हालत गंभीर है।

उन्होंने बताया कि सभी छह लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आगे कहा कि हमें संदेह है कि फूड पॉइजनिंग के कारण वह बीमार पड़ गए। जांच पूरी होने के बाद बीमारी का सही कारण पता चल सकेगा।

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मृतक महिला के पति का यह आरोप

रस्मिता के पति अनिल पट्टामाजी ने आरोप लगाया कि उन्हें पिछले तीन महीने से पीडीएस के तहत चावल नहीं दिया जा रहा था, जिसके कारण उनकी पत्नी ने आम की गुठली से बना दलिया खा लिया। इस बीच, ओडिशा सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की कमी के कारण आदिवासी आम के बीज खा रहे हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

खबरोें के मुताबिक कंधमाल के जिला मजिस्ट्रेट-सह-कलेक्टर ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि परिवार को पीडीएस मानदंडों के अनुसार चावल मिला था। कलेक्टर ने कहा, हम तथ्यों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी उप मुख्यमंत्री प्रावती परीडा ने इम मामले में कहा कि यह कुपोषण का मामला नहीं है।

आम के बीज उनके (आदिवासी) नियमित आहार का हिस्सा हैं। कभी-कभी आम की गुठली दूषित हो जाते हैं और ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटित हो जाती हैं। हम खाद्य संदूषण के खतरों के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता बढ़ा रहे हैं।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कही यह बात

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंगा ने दो आदिवासी महिलाओं की मौत के मामले में विभागीय जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय अस्पताल की एक टीम और एक अन्य स्थानीय टीम स्थिति का आकलन करने और घटना की विस्तार से जांच करने के लिए मौके पर है। महालिंगा ने कहा कि सरकार मौत के कारण की पुष्टि के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा, कंधमाल में लोग आम की गुठली खाते हैं. यह क्षेत्र में आम बात है और पहले भी इससे संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं की खबरें आती रही हैं।

यह घटना आम की गुठली खाने से हुई मौत की ऐसी ही त्रासदी की याद दिलाती है, जहां साल 2001 में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी और 2016 में आम की गुठली खाने से दो और लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 2012, 2013 और 2018 में आम की गुठली खाने से लोगों की मौत हो गई थी।

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