हाइलाइट्स
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फर्जीवाड़े के चलते 3 साल से रुकीं थी परीक्षाएं
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45 हजार नर्सिंग छात्रों के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला
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अपात्र कॉलेज के छात्र भी दे सकेंगे परीक्षा
MP के Nursing Students को MP हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. प्रदेश के करीब 45 हजार नर्सिंग छात्रों के पक्ष में कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
अंतरीम आदेश में High Court ने कहा है कि प्रदेश के सभी डिफिशियंट और अपात्र कॉलेज के नर्सिंग छात्र (Nursing Student) भी अब परीक्षा दे सकेंगे.
बता दें कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े (Nursing College Scam) के चलते प्रदेश में 3 साल से नर्सिंग छात्रों की परीक्षाएं नहीं हो पाईं हैं. इसके चलते कई बार छात्र प्रदर्शन कर चुके हैं.
फर्जीवाड़े के चलते परीक्षा नहीं हो पाईं
फर्जी नर्सिंग कॉलेज मामले के चलते 2020-21 से नर्सिंग कॉलेज की परीक्षाएं नहीं हुईं हैं. 3 साल से प्रदेश भर के सैंकड़ों नर्सिंग कॉलेज के हजारों छात्र परीक्षाएं नहीं दे पाए.
इन कॉलेजों में से कई नर्सिंग कॉलेज आपात्र पाए गए हैं फिलहाल सीबीआई इन कॉलेजों की जांच कर रही है. प्रदेश के 500 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े (Nursing college scam) के मामले में जांच के दायरे में हैं.
जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार की बेंच ने सुनाया फैसला
सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए कॉलेजों के नर्सिंग छात्रों (Nursing Students) को भी परीक्षा में बैठाने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं.
मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार ने आदेश दिया. इस आदेश के बाद छात्र सत्र 2022-23 के लिए होने वाली परीक्षा दे पाएंगे
मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट यूनियन की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट में लंबे समय से सुनवाई चल रही है. मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को है.
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सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों के लिए दी नियमों में छूट
सरकार ने अपात्र कॉलेजों को बचाने के लिए नियम में ढील दी है. नए नियमों के अनुसार नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए अब 24000 स्क्वायर फीट जमीन की जरूरत नहीं होगी.
इसके लिए अब केवल 8000 स्क्वायर फीट जमीन की जरूरत होगी. सरकार इस नियम के बाद कई अपात्र कॉलेज जांच के दायरे से बाहर हो जाएंगे.क्योंकि ज्यादातर कॉलेज कम जगह के कारण ही अपात्र घोषित किए गए हैं.
प्रदेश में इस समय ऐसे कई कॉलेज हैं जो दो कमरे में संचालित हो रहे थे. मामले में अगली सुनवाई अब 20 मार्च को होगी.