हाइलाइट्स
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सरकार ने नए नियमों के लागू करने पर कोर्ट ने लगाई रोक
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जबलपुर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
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सरकार ने आईएनसी के नियमों को किया था दरकिनार
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा : मप्र हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने संबंधी राज्य शासन द्वारा बनाए नए नियमों के क्रियान्वयन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा (Nursing college fraud) मामले में जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस एके पालीवाल की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तारीख तय की है।
हाई कोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा (Nursing college fraud) मामले में लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी।
सरकार ने कोर्ट में संशोधन आवेदन पेश किया था
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा (Nursing college fraud) मामले में सीबीआई (CBI) जांच रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों के संचालन तथा छात्रों को परीक्षा में शामिल किए जाने के संबंध में पूर्व में विस्तृत आदेश जारी किए थे।
नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा (Nursing college fraud) मामले में याचिकाकर्ता की ओर से राज्य सरकार द्वारा नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2024 को चुनौती देते हुए याचिका में संशोधन का आवेदन पेश किया गया था।
नए नियम में मान्यता ये बदलाव किए थे
नए नियम में नवीन कॉलेज की मान्यता अथवा पुराने कॉलेजों की मान्यता नवीनीकरण हेतु 20 हजार से 23 हजार वर्ग फिट अकादमिक भवन की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए मात्र 8 हजार वर्ग फीट कर दिया गया था।
सरकार ने शिथिल किए थे नए नियम
याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय को बताया गया था कि पिछले दो वर्षों में सीबीआई जांच में प्रदेश के 66 नर्सिंग कॉलेज अयोग्य पाये गए हैं, जिसमें सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। सरकार ने इन्हीं कॉलेजों को नए सत्र से बैकडोर एंट्री देने के लिए नए नियम शिथिल किए हैं।
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INC का ये नियम, सरकार ने दिया तर्क
नर्सिंग से संबंधित मानक एवं मापदंड तय करने वाली अपैक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल ( INC) के रेग्युलेशन 2020 में भी स्पष्ट उल्लेख है कि 23 हजार वर्ग फिट के अकादमिक भवन युक्त नर्सिंग कॉलेज को ही मान्यता दी जा सकती है।
सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि नये नियम बनाने के अधिकार राज्य शासन को हैं, इसलिए इन्हें गलत नहीं कहा जा सकता।
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जीरो ईयर पर होगी बहस
मेडिकल साइंस विश्वविद्यालय ने नर्सिंग कॉलेजों के लिए सत्र 2023-24 को जीरो ईयर घोषित करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा था।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन से इस संबंध में जवाब मांगा था।
राज्य शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि विश्वविद्यालय के प्रस्ताव को अमान्य कर दिया गया है। अब इस मामले में कोर्ट में 23 अप्रैल को सुनवाई होगी।