Advertisment

Chhattisgarh News: अचानकमार टाइगर रिजर्व में बचे 8 बाघ, अब दूसरे जंगलों लाए जाएंगे टाइगर

2009 में स्थापित हुए अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या सिर्फ 8 ही रह गई है। साल 2011-12 में जब वन्यप्राणियों की गणना हुई थी।

author-image
Agnesh Parashar
Chhattisgarh News: अचानकमार टाइगर रिजर्व में बचे 8 बाघ, अब दूसरे जंगलों लाए जाएंगे टाइगर

बिलासपुर। मनोरम और नैसर्गिक सौंदर्य से समृद्ध अचानकमार टाइगर रिजर्व सतपुड़ा के 553 वर्ग किमी के क्षेत्र पर विशाल पहाड़ियों के मैकाल रेंज में साल, बांस और सागौन के साथ अन्य वनस्पतियों को समाहित किया हुआ है।

Advertisment

अचानकमार 2009 में हुआ था स्थापित

2009 में स्थापित हुए अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या सिर्फ 8 ही रह गई है। साल 2011-12 में जब वन्यप्राणियों की गणना हुई थी। तब फूटमार्क के आधार पर 12 से 14 बाघ होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन हाल ही में हुई गणना में बाघों की संख्या 8 मानी जा रही है।

14 साल के अंदर 130 करोड़ रुपए खर्च

जानकारी के मुताबिक अचानकमार टाइगर रिजर्व में 14 साल के अंदर 130 करोड़ रुपए खर्च हुए है। लेकिन करोड़ों के खर्च बावजूद टाइगर रिजर्व के प्रबंधन की कार्यप्रणाली सफल होते नहीं दिख रही है। एटीआर के ड्यूटी डायरेक्टर ने बताया है कि बाघों की इस संख्या बढ़ाने के लिए दूसरे जंगल से बाघ लाने की तैयारी की जा रही है।

एक्ट-1972 के तहत की गई स्थापना

अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, सहित विभिन्न प्रजीतियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।

Advertisment

एटीआर की स्थिति हो रही खराब

स्थापना के समय यह टाइगर रिजर्व देश के मशहूर रिजर्व मे शामिल था , लेकिन वर्तमान आंकड़ों को देखें तो करोड़ों खर्च करने के बाद भी एटीआर की स्थिति समय के साथ खराब होते जा रही है ।

घट रही बाघों की संख्या

अचानकमार टाइगर रिजर्व को बने हुए 14 साल हो गए। इसके बाद से वन विभाग और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) ने बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई लेकिन संख्या बढ़ने के बजाय घटती जा रही है।

publive-image

इन सालों में चारागाह विकसित करने से लेकर पानी और अन्य जरूरी निर्माण पर 130 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। बावजूद इसके बाघों की संख्या मे कमी आई है । जिससे एटीआर के जिम्मेदारों पर अब सवाल उठने लगा है ।

Advertisment

20 से अधिक थी बोघों की संख्या

स्थापना के समय एटीआर मे बाघों को संख्या 20 से अधिक थी , साल 2011-12 में जब वन्यप्राणियों की गणना हुई थी, तब फूटमार्क के आधार पर 12 से 14 बाघ होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद कैमरा ट्रैप से वन्य प्राणियों की गणना की गई। इसमें स्थिति स्पष्ट होने लगी। हाल ही में हुई गणना में बाघों की संख्या 8 मानी गई है।

दूसरे जंगल से आएंगे बाघ

एटीआर के ड्यूटी डायरेक्टर विष्णुराज ने बतलाया की एटीआर प्रबंधन का बाघों की इस संख्या को आगे बढ़ाने के लिए दूसरे जंगल से बाघ लाने की तैयारी कर रहा है। उसने एक बाघ और एक बाघिन दूसरे जंगल से लाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा है।

प्रस्ताव पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन ऐसी उम्मीद की जा रही है कि नवंबर तक बाघ और बाघिन को लाकर एटीआर में छोड़ा जाएगा। इससे यहां पर बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा होने की संभावना है।

Advertisment

ये भी पढे़ें: 

Terrace Vastu Tips: किस दिशा में होनी चाहिए छत की ढाल, पढ़ें घर की छत के लिए वास्तु में क्या हैं नियम

Seema Sachin New Film: अब सीमा-सचिन की लव स्टोरी पर बनेगी फिल्म, जानें क्या होगा नाम

77 वर्षीय व्यक्ति ने बनाया गिनीज रिकॉर्ड, असंभव को किया संभव

Maharashtra Tomato CCTV: टमाटर की ऐसी रखवाली देखी क्या, खेत में किसान ने लगाया सीसीटीवी कैमरा

America News: भारत की आज़ादी का राष्ट्रीय जश्न अमेरिका में भी मनेगा, संसद में बिल पेश

chhattisgarh news छत्तीसगढ़ न्यूज bilaspur news बिलासपुर न्यूज़ achanakmar tiger reserve Achanakmar Sanctuary ATR अचानकमार अभ्यारण्य अचानकमार टाइगर रिजर्व एटीआर
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें