नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने व्यापक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से यहां पीएचडी चयन प्रक्रिया के सभी चरणों में साक्षात्कार खत्म करने और लिखित परीक्षा के आधार पर चयन का प्रस्ताव रखा है।
प्रशासन ने संस्थान में उच्च स्तरीय अनुसंधान के लिए, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो (पीएमआरएफ) योजना की तरह 40-50 पीएचडी संस्थान फेलोशिप शुरू करने और इसके लिए 200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने का प्रस्ताव रखा है जो एम्स तथा भारत सरकार की वैधानिक समितियों से आवश्यक अनुमोदन के अधीन है। ये पीएचडी चयन प्रक्रिया और फेलोशिप प्रदान करने के संबंध एम्स प्रशासन द्वारा मंगलवार को सुझाए गए सुधारों का एक हिस्सा हैं।
मंगलवार को जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास की संकाय, पीएचडी छात्रों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान सुझाव दिया गया है कि एम्स-नयी दिल्ली में पीएचडी के लिए चयन प्रक्रिया और इंस्टीट्यूट फेलोशिप प्रदान करने में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘चयन प्रक्रिया पूरी तरह वस्तुनिष्ठ, पारदर्शी होनी चाहिए और लिखित परीक्षा (एमसीक्यू और ओएससीई/ओएसपीई) पर आधारित होनी चाहिए। किसी भी स्तर पर कोई साक्षात्कार नहीं होना चाहिए।’’
अनुसंधान को बढ़ावा देना समय की मांग
प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो के तहत 200 करोड़ का इंतजाम
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