नई दिल्ली। देश में एक ओर जहां कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामले तेजी से कम हो रहे हैं तो दूसरी ओर कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट (Corona Delta Plus Variant) चिंता बढ़ा रहा है। इस जानलेवा वैरिएंट के मामलों में अब बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार कोरोना का यह खतरनाक वैरिएंट अब 4 राज्यों में फैल चुका है। इन राज्यों में अब तक इसके कुल 40 मामलों की पुष्टि हुई है। ये राज्य हैं- तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश। सूत्रों का कहना है कि यह वैरिएंट लगातार चिंता का विषय बना हुआ है।
India reports 40 cases of Delta Plus variant of the novel coronavirus, most of the cases are from Maharashtra, Madhya Pradesh, Kerala and Tamil Nadu. It is still a variant of interest: Government sources
— ANI (@ANI) June 23, 2021
कितना खतरनाक है नया वैरिएंट
नए वेरिएंट की गंभीरता को लेकर एम्स के निर्देशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वेरिएंट से भारत में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल के प्रभाव को झटका लग सकता है। हालांकि ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट कितनी घातक हो सकती है, अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है। इस लिए चिंता की कोई बात नहीं है। लोग नए वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन वे ज्यादा खतरनाक स्थिति में नहीं जाएंगे।
भारत के अलावा और कहां पाया गया?
कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरि और जलगांव तथा केरल और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मिले हैं। स्वास्थ्य प्रतिक्रिया के बारे में एक परामर्श जारी किया है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को इस मुद्दे पर पहल की शुरुआत करनी चाहिए। अभी संख्या के लिहाज से यह काफी छोटा दिखता है और हम नहीं चाहते कि इसमें वृद्धि हो। भूषण ने कहा था कि मोटे तौर पर दोनों भारतीय टीके – कोविशील्ड और कोवैक्सीन – डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में एंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी।