MP Dairy Federation NDDB: मध्यप्रदेश में सहकारी दुग्ध संघ का लोकप्रिय ब्रांड सांची अब NDDB का होगा। भोपाल में मंगलवार 10 सितंबर को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में सरकार ने मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ और उससे जुड़े सभी दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन अब अगले 5 साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) को सौंपने का फैसला किया है।
वरिष्ठ IAS ई रमेश कुमार को मिला प्रभार, गुलशन बामरा जिम्मेदारी से मुक्त
आपको बता दें कि राज्य शासन ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ IAS ई. रमेश कुमार को प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग तथा आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग तथा प्रमुख सचिव, आदिवासी विकास, मध्यप्रदेश भोपाल (अतिरिक्त प्रभार) को अपने वर्तमान कर्त्तव्यों के साथ-साथ अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग का प्रभार अतिरिक्त रूप से सौंपा है। वहीं गुलशन बामरा को प्रमुख सचिव के प्रभार की जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है।
सीएम मोहन यादव ने क्या कहा ?
सीएम मोहन यादव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश को दूध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने और किसानों और दूध उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी दुग्ध संघों को NDDB को सौंपने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में अगले 5 साल में दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है।
MP राज्य सहकारी दुग्ध संघ अगले 5 साल चलाएगा NDDB
उच्च स्तरीय बैठक में मध्ययप्रदेश राज्य कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और उससे जुड़े दुग्ध संघों का प्रबंधन और संचालन अगले 5 साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किए जाने पर सहमति बनी। इसके लिए आवश्यक स्वीकृति प्राप्त कर विधि संगत कार्यवाही की जाएगी। मंत्रालय में हुई बैठक में मध्यप्रदेश में डेयरी विकास योजना, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और सांची दुग्ध संघ के कार्यों की समीक्षा की। भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी सचिव अल्का उपाध्याय, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात ) के अध्यक्ष और प्रबंध संचालक मीनेश शाह मौजूद रहे।
राष्ट्रीय बोर्ड को दायित्व सौंपने पर बनी सहमति
सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाकर किसानों और पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बोर्ड को दायित्व देने पर सहमति बनी है। आवश्यक हुआ तो इस कार्य के उद्देश्य से सहकारिता अधिनियम में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही भी की जाएगी।
ये खबर भी पढ़ें: अगर आप भी करते हैं ऑनलाइन पेमेंट तो आपके लिए अच्छी खबर, अभी नहीं देना पड़ेगा 18 प्रतिशत GST
UP और राजस्थान के बाद MP दुग्ध उत्पादन में अग्रणी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी है। प्रदेश में प्रतिदिन साढ़े 5 करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन हो रहा है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। जहां देश में प्रति व्यक्ति 459 ग्राम प्रतिदिन दूध की उपलब्धता है, वहीं मध्यप्रदेश में ये 644 ग्राम है। अगले 5 साल में प्रदेश का दुग्ध उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य है। इसके लिए सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने और किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने की दिशा में कार्य होगा। प्रदेश के करीब 40 हजार ग्रामों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के प्रयास होंगे। वर्तमान में 10 से 15 हजार गांवों में दुग्ध उत्पादन की स्थिति संतोषजनक है। बाकी गांवों में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जाएंगे।
ये खबर भी पढ़ें: लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, जल्द बढ़ेगा महंगाई भत्ता! इस दिन हो सकता है ऐलान
अभी फायदे में सिर्फ भोपाल और उज्जैन
मध्यप्रदेश डेयरी फेडरेशन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन में दुग्ध संघ चला रहा है। अभी भोपाल और उज्जैन दुग्ध संघ ही मुनाफा कमा रहे हैं। बाकी दुग्ध संघ घाटे में हैं। आपको बता दें कि पिछले एक महीने से NDDB के अधिकारी सभी 6 दुग्ध संघों का निरीक्षण कर रहे थे। अब NDDB ही मध्यप्रदेश के सभी दुग्ध संघों का संचालन करेगा।