भोपाल: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने दो बड़े फैसले लिए हैं। जिसके अनुसार, अब सरकारी कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य पढ़ाई नहीं कराएंगे, अब वे सिर्फ प्रबंधन संभालेंगे। इसके अलावा जिन कॉलेजों में स्टूडेंट्स की संख्या कम हैं, उनक कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें मर्ज किया जाएगा। इस बात की जानकारी मंगलवार को भोपाल (Bhopal) में प्रेसवार्ता के दौरान शिवराज सरकार (Shivraj Government) में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) को दी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश में सरकारी कॉलेजों में अब प्रभारी प्राचार्य पढ़ाई नहीं कराएंगे और वे अब सिर्फ प्रबंधन संभालेंगे। हालांकि इसके लिए नए अतिथि विद्वान रखे जाएंगे। हर कॉलेज में वरिष्ठता के आधार पर तीन-तीन प्राध्यापकों को प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो 14 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक चलेगा।
51 कॉलेज बंद करने के सवाल पर बोले मंत्री मोहन यादव
51 कॉलेज बंद करने के सवाल पर मंत्री मोहन यादव ने कहा कि जिन कॉलेजों में स्टूडेंट्स कम हैं उन कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें मर्ज किया जाएगा। कोई भी कॉलेज बंद किए जाएंगे। मंत्री मोहन यादव ने बताया की लंबे समय से विद्यार्थियों की संख्या सीमित हैं उन कॉलेजों को मर्ज करने पर विचार किया जा रहा है।
हर हफ्ते निकाले जा रहे अतिथि विद्वानों के पद
मंत्री मोहन यादव ने बताया कि कि हर हफ्ते अतिथि विद्वानों को लेकर पद निकाले जा रहे हैं। इसमें पिछले साल सेवा से हटाए गए अतिथि विद्वान च्वाइस फिलिंग कर सकते हैं, उन्हें तुरंत ज्वाइन कराया जा रहा है।
बता दें कि राज्य शासन द्वारा जिन 51 कॉलेजों को बंद करने का विचार किया जा रहा है, उनमें इस साल 3000 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है, जिन्हें दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट किया जाएगा। इन कॉलेजों में छात्रों की संख्या 100 से भी कम है। वही इन कॉलेजों में प्रोफेसरों की संख्या भी 5 से अधिक नहीं है। कॉलेज अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के बाद चल रहे हैं। जिन्हें नजदीक के किसी कॉलेज में स्थानांतरित करने की तैयारी की गई है।