नई दिल्ली। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना किसी टास्क से कम नहीं है। इसके रीजनल ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लाइसेंस बनवाने से पहले उम्मीदवार को रीजनल आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता है। अब इस ड्राइविंग टेस्ट से लोगों को छुटकारा दिया जा रहा है। अब परमानेंट लाइसेंस बवनाने से पहले ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसको लेकर नए नियम जारी कर दिए हैं। नए नियमों के हिसाब से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यहां से ट्रेनिंग पूरी करने और एक टेस्ट पास करने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा। इस स्थिति में आपको किसी आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। इसको लेकर अनिवार्य नियम अधिसूचित कर दिए गए हैं।
जुलाई से लागू हो जाएंगे नियम
यह सभी नियम जुलाई माह से लागू हो जाएंगे। साथ ही सेंटर्स में दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों को पर्याप्त ट्रेनिंग दी जाएगी। इस नियमों को जारी करते हुए मंत्रालय के बयान में कहा कि इस प्रकार के मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर्स से गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस पाने में काफी आसानी होगी। नॉटिफिकेशन के अनुसार, मान्यता प्राप्त केंद्रों द्वारा दी गई मान्यता पांच साल के लिए लागू रहेगी। इसके बाद भी इन सेंटर्स को रिन्यू भी किया जा सकता है। हल्के मोटर वाहन चालक ड्राइविंग कोर्स की अवधि अधिकतम चार सप्ताह में 29 घंटे की होगी। बता दें कि इससे पहले अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना पड़ता था। अब इस टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस टेस्ट को दिए बिना ही लाइसेंस बनवा सकेंगे।