भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को मिला वैश्विक मंच पर सम्मान!
भगवद गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र अब UNESCO के Memory of the World Register में शामिल हो गए हैं।
गीता—जो जीवन, धर्म और कर्म का सार है।
और नाट्यशास्त्र—जो नाटक, संगीत और नृत्य की शास्त्रीय नींव है।
यह दोनों ग्रंथ न सिर्फ भारत की आत्मा हैं, बल्कि पूरी मानवता को मार्गदर्शन देते आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।
उन्होंने कहा कि यह भारत की शाश्वत बुद्धिमत्ता और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है।
अब भारत की कुल 14 धरोहरें इस प्रतिष्ठित सूची में दर्ज हो चुकी हैं।
यह सिर्फ सम्मान नहीं, एक संदेश है, भारत का ज्ञान अनमोल है और अब सारी दुनिया इसे स्वीकार रही है।