Electricity Price in MP: पेट्रोल, सिलेंडर और बस किराए के बाद अब बिजली के दामों में लगेगा करंट !

भोपाल। जनता पेट्रोल और गैस के महँगे दामों से अभी उभर (Electricity Price in MP) नहीं पाई है कि आने वाले माह से बिजली के बढ़े दामों का झटका लग सकता है। करंट का झटका भी मामूली नहीं, बल्कि सीधे 7 से 8 फीसदी ज्यादा होगा। जिससे हर किसी के घर का बजट बिगडऩा तय है। हालात अभी भी ऐसे हैं कि कोरोना संक्रमण काल में टूटी आर्थिक स्थिति से जनता संभल नहीं पाई है कि अब बिजली की बढ़ी दर से बिल भुगतान की नौबत आ रही है। मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल के साथ ही घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुईं। बस कर्मचारियों की हड़ताल के बाद एक मार्च से बस किराया भी बढ़ा दिया जाएगा। दामों में इतनी वृद्धि के बाद आम आदमी की जेब पर वैसे ही भार बढ़ रहा है और अब यहां विद्युत कंपनियों ने भी प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने के लिए विद्युत नियामक आयोग के पास सुझाव भेजे हैं। अगर बिजली कंपनियों के सुझावों पर अमल किया जाएगा तो प्रदेश में बिजली के दामों में भी वृद्धि हो सकती हैं।
कंपनी ने 44 हजार करोड़ रु. का खर्च बताया
पीएमसी ने तीनों वितरण कंपनियों का खर्च 44 हजार करोड़ रुपए बताया (Electricity Price in MP) है। जिसमें 2020-21 के लिए कंपनी ने करीब 2 हजार करोड़ रु. का अंतर बताते हुए साढ़े पाँच फीसदी और बढ़ोत्तरी की माँग की थी, मगर कोरोना के चलते आयोग ने उस माँग को दिसंबर में मंजूरी देते हुए केवल 1.98 फीसदी दाम में बढ़ोत्तरी की। मध्य प्रदेश देश के उन राज्यों में से एक है, जहां बिजली के दाम सबसे ज्यादा है, बावजूद इसके इस साल भी बिजली कंपनियों ने रेट बढ़ाने के प्रस्ताव भेजे हैं। उनकी ओर से कहा गया है कि बढ़ते दामों पर कंट्रोल भी किया जा सकता है। इसके लिए सरकार को थर्मल बिजली उत्पादन गृहों की क्षमता को बढ़ाना होगा। ऐसा करने से बिजली कंपनियों की आमदनी बढ़ेगी और आमदनी-खर्च के बीच रेवेन्यू गैप कम होगा. लेकिन, अगर थर्मल बिजली उत्पादन गृहों की क्षमता नहीं बढ़ी तो विद्युत आयोग को दाम बढ़ाने होंगे।