हाइलाइट्स
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नेताप्रतिपक्ष ने की थी गड़बड़ी की शिकायत
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हेल्थ ऑफिसर को नोटिस पर एक्शन नहीं
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कंपनी के पास स्टाफ नहीं, भुगतान पूरा
Bhilai News Today: छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम में सफाई व्यवस्था और कचरा के निपटान को लेकर हेल्थ ऑफिसर पर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।
घोटाले के आरोप के बाद अपर संचालक, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास रायपुर ने नगर निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इस नोटिस में सात दिन के अंदर लगे आरोपों पर जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि इस नोटिस को 18 दिन बीते गए है, लेकिन इस नोटिस के बारे में अफसर को जानकारी नहीं है।
नगरीय प्रशासन के द्वारा जारी किए गए नोटिस से पहले भिलाई (Bhilai News Today) नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा से भ्रष्टाचार की शिकायत की थी।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि 20 जनवरी 2024 को नगरीय प्रशासन मंत्री छत्तीसगढ़ से शिकायत की गई थी।
शिकायत में नगर निगम भिलाई में सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का जिक्र किया था। जिसकी जांच करने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
सफाई व्यवस्था पर नहीं दिया ध्यान
शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने यह भी जानकारी दी है कि भिलाई (Bhilai News Today) निगम के सभी जोन में सफाई के काम के लिए नागपुर की फर्म मेसर्स अर्बन इनवायरो वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को ठेका दिया था।
यह ठेका 36 करोड़ 54 लाख 98 हजार 580 रुपए में दिया था। शिकायती पत्र में लिखा कि कंपनी ने कांग्रेस शासन काल में निगम के अधिकारियों और पदाधिकारियों से मिलकर नियम का उल्लंघन किया गया और साफ-सफाई पर ध्यान ना देकर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया।
मंत्री ने दिए जांच के आदेश
छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन मंत्री ने इस मामले की जांच के निर्देश जारी किए हैं। अपर संचालक, संचालनालय, नगरीय प्रशासन व विकास, रायपुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी समीक्षा के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की थी।
उन्होंने कहा कि भिलाई (Bhilai News Today) निगम में निरीक्षण के दौरान वहां सेग्रीगेटेड डोर टू डोर कलेक्शन की कमी देखने को मिली। एसएलआरएम सेंटरों में वेस्ट प्रोसेसिंग का अभाव देखने को मिला।
वहां वेस्ट डंपिंग की जानकारी दी गई है।
26 अप्रैल को जारी हुआ था नोटिस
छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन ने नगर निगम भिलाई के स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के नाम पर 26 अप्रैल 2024 को नोटिस जारी किया था।
नोटिस में साफ तौर पर लिखा था कि 7 दिन के अंदर नोटिस का उचित जवाब नहीं मिला तो ये समझा जाएगा कि स्वयं के बचाव में आपको कुछ नहीं कहना है और आपके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
इस नोटिस को 18 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस नोटिस पर कोई एक्शन नहीं हुआ है।
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नेता प्रतिपक्ष ने दी जानकारी
नेता प्रतिपक्ष ने जानकारी दी कि नियम के अनुसार कंपनी को हर वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण और साफ-सफाई के लिए 26+4 का स्टाफ रखना है, जो वार्ड में काम करेंगे।
इसके अलावा एक सुपरवाइजर भी नियुक्त करना होगा, जो इस कार्य की मॉनिटरिंग करेगा। जबकि कंपनी ने हर वार्ड में नाम मात्र गैंग रखी।
कंपनी को हर एक जोन में विशेष साफ-सफाई के लिए 50 सफाई कामगार का अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त करना है, लेकिन इनको कंपनी ने नहीं रखा।
नगर निगम के अफसरों ने बिना मॉनिटरिंग और अटेंडेंस की जांच किए ही कंपनी को पूरे कर्मचारियों का भुगतान कर दिया, जबकि पूरा स्टाफ नहीं था।
नगर निगम के हेल्थ ऑफिसर सफाई कामगारों की कोई जानकारी नहीं रखते, जब आरटीआई से सफाई कामगारों की अटेंडेंस की कॉपी मांगी गई तो उन्होंने सफाई कंपनी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। कंपनी ने पहले तो इस जानकारी को निजी जानकारी का कहकर इसे देने से मना कर दिया।
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने आरटीआई में जानकारी दी है कि सफाई कर्मियों की अटेंडेंस का रिकॉर्ड उनके द्वारा नहीं रखा जाता है। उनकी हाजिरी निगम द्वारा ना लेकर खुद कंपनी के कर्मचारी ले रहे थे।