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आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को खराब भोजन पर नोटिस: पंचनामा में नहीं किया जिक्र, संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने जताया विरोध!

Notice To Anganwadi Worker: मध्‍य प्रदेश के सिवनी मालवा के जीरावेह गांव की आंगनवाड़ी का प्रशासन के एक दल ने 24 अक्टूबर को निरीक्षण किया।

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Aman jain
Notice To Anganwadi Worker

Notice To Anganwadi Worker

Notice To Anganwadi Worker: मध्‍य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में सिवनी मालवा के जीरावेह गांव की आंगनवाड़ी का प्रशासन के एक दल ने 24 अक्टूबर को निरीक्षण किया। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।

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सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने इस मामले में विरोध जताया है। भोपाल के पत्रकार कुलदीप सिंगोरिया ने आरोप लगाया है कि उनकी बहन ज्योति बरदिया आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ हैं, उन पर प्रशासन द्वारा बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है।

उनका कहना है कि यह कार्रवाई इसलिए (MP Big News) की जा रही है, क्योंकि ज्योति ने अपनी वेबसाइट पर खाद के लिए परेशान किसानों की पिटाई की खबर प्रशासन के खिलाफ प्रकाशित की थी।

 प्रशासन पर लगाया आरोप

सिंगोरिया ने आरोप लगाया है कि पिछली रात 10:20 बजे प्रशासन की टीम ज्योति बरदिया के गांव पहुंची और उन्हें नींद से जगाकर शोकॉज नोटिस तामील कराया।

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उन्होंने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रभारी मंत्री राकेश सिंह को भी दी। दोनों स्थानों से उन्हें बताया गया कि कलेक्टर सोनिया मीणा से बात हो गई है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

पंचनामा में नहीं है इनका जिक्र

इस मामले में सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक पंचनामा रिपोर्ट, निरीक्षण पंजी और शोकॉज नोटिस के तथ्यों की जांच की। जांच में पाया गया कि शोकॉज नोटिस में ज्योति बरदिया पर लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत थे।

शोकॉज नोटिस में गुणवत्ता हीन भोजन (MP Big News) का उल्लेख किया गया था, लेकिन पंचनामा और निरीक्षण पंजिका में इस तरह की कोई बात नहीं पाई गई। इसके अलावा भोजन की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूह की होती है।

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नोटिस में यह भी कहा गया कि (Bad Food) बच्चों के लिए दरी नहीं थी, जबकि पंचनामा में इसका उल्लेख नहीं किया गया। आपको बता दें कि खास बात यह है कि निरीक्षण के दौरान लिए गए फोटोज में बच्चे दरी पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं।

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जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रविवार को इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने भी नाराजगी व्यक्त की है। इन्‍होंने कहा है कि प्रशासन (Notice To Anganwadi Worker) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी ग्रामीण महिला के घर रात 10 बजे नहीं जाया जाए।

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दो महिला अधिकारियों ने दी जानकारी

इस मामले में दो अधिकारियों ने अलग-अलग तर्क प्रस्तुत किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स सिवनी मालवा की एसडीएम सरोज परिहार ने बताया कि जिला कार्यालय से उन्हें जांच करने के निर्देश मिले हैं और सभी विभागों की जांच एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है।

वहीं महिला बाल विकास के डीपीओ ललित (Notice To Anganwadi Worker) डेहरिया ने कहा कि इस कार्रवाई में जिला प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी की यह रूटीन जांच है, जिसे परियोजना स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया होगा।

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